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हैदराबादः आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को तिरुपति मंदिर में हुई भगदड़ के लिए एक जांच आयोग का गठन किया है। यह भगदड़ 8 जनवरी को हुई थी और इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही 30 से अधिक लोग घायल हो गए।
हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम. सत्यनारायण मूर्ति की अध्यक्षता में जांच की जाएगी। यह भगदड़ तिरुमाला मंदिर में वैकुंठ एकादशी के दिन दर्शन के लिए टिकट वितरण के दौरान हुई थी। जांच आयोग को 6 महीने में निष्कर्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
आयोग को उन परिस्थितियों की जांच करने को कहा गया जिसमें तिरुपति के पद्मावती पार्क में भगदड़ मची थी। वैकुंठ एकादशी महोत्सव में शामिल होने के लिए टोकन लेने के लिए लाइन में लगे थे। इसमें से 6 लोगों की मौत हो गई थी।
समिति को उचित व्यवस्था की जांच के दिए गए हैं निर्देश
सरकार ने जांच समिति को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि " क्या टोकन वितरण के लिए उचित व्यवस्था की गई है या फिर उन व्यवस्थाओं में कोई कमी थी। यदि इसमें कमियां पाई जाती हैं तो जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान करें।
इसके साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुछ उपाय बताएं। भगवान वेंकटेश के दर्शन हेतु आने वाले तिरुमाला और तिरुपति आने वाले भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत तंत्र के संबंध में अन्य सिफारिशें भी देने को कहा गया है। "
चंद्रबाबू नायडू ने किया था दौरा
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना के अगले दिन भगदड़ स्थल का दौरा किया था और इसके बाद न्यायिक जांच की घोषणा की थी। वहां पहुंचकर उन्होंने घायलों से मुलाकात भी की थी। इसके अलावा घटना के संबंध में दो अधिकारियों को निलंबित किया गया था, जबकि तीन को स्थानांतरित कर दिया था।
सरकार की तरफ से पीड़ित परिवारों को मुआवजा भी प्रदान किया गया था। इस मुआवजे में मृतक के परिवार को 25 लाख रूपये की सहायता के साथ परिवार के किसी एक सदस्य को अनुबंध नौकरी भी शामिल है। वहीं घायलों के परिवार को दो से पांच लाख तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।