तिरुपति लड्डू मिलावट मामला: काली सूची में डाली गई कंपनी ने प्रॉक्सी के जरिए की घटिया घी की आपूर्ति – जांच रिपोर्ट

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए प्रतिदिन 15,000 किलोग्राम घी का उपयोग करता है। लेकिन जांच में सामने आया कि मंदिर प्रशासन ब्लैकलिस्टेड कंपनी के घी की खरीद जारी रखे हुए था।

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तिरुपति मंदिर के प्रसादम में मिलावट मामले में 4 गिरफ्तार किए गए हैं। Photograph: (IANS)

तिरुपतिः तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली तेल वाले घी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रविवार को मामले में 4 आरोपियों को हिरासत में लिया था जिन्हें कोर्ट ने 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 

रविवार को दर्ज की गई रिमांड रिपोर्ट में ये चार आरोपी—पोमिल जैन (पूर्व निदेशक, भोले बाबा डेयरी, रुड़की), बिपिन जैन (पूर्व निदेशक, भोले बाबा डेयरी, रुड़की), अपूर्व विनयकांत चौड़ा (सीईओ, वैष्णवी डेयरी, पुनमबक्कम), राजू राजशेखरन (एमडी, एआर डेयरी, डिंडीगुल) हैं।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में एसआईटी की रिमांड रिपोर्ट एक्सेस करने का दावा किया है जिसके अनुसार, एक ऐसी फर्म जिसे टेंडर प्रक्रिया से अयोग्य ठहराकर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था, उसने प्रॉक्सी कंपनियों के माध्यम से भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में मिलावटी घी की आपूर्ति की।

ब्लैकलिस्ट होने के बावजूद जारी रही आपूर्ति

रविवार को एक स्थानीय अदालत में दाखिल की गई रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक, भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी प्राइवेट लिमिटेड को 2022 में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा टेंडर प्रक्रिया से अयोग्य घोषित कर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। इसके बावजूद, कंपनी ने वैष्णवी डेयरी और एआर डेयरी जैसी प्रॉक्सी कंपनियों के माध्यम से मंदिर को घी की आपूर्ति जारी रखी।

टीटीडी, जो भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की देखरेख करता है, लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए प्रतिदिन 15,000 किलोग्राम घी का उपयोग करता है। लेकिन जांच में सामने आया कि मंदिर प्रशासन ब्लैकलिस्टेड कंपनी के घी की खरीद जारी रखे हुए था।

कैसे हुई घोटाले की शुरुआत?

रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भोले बाबा डेयरी ने टीटीडी को ₹291 प्रति किलोग्राम की दर से घी की आपूर्ति शुरू की थी। यह आपूर्ति 2022 तक जारी रही, जब टीटीडी ने कंपनी की फैक्ट्री का निरीक्षण किया और उसकी उत्पादन प्रक्रियाओं को "असंतोषजनक" मानते हुए उसे टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया।

हालांकि, इसके बाद भी टीटीडी ने दो प्रॉक्सी कंपनियों से घी की खरीद जारी रखी। 2020 में वैष्णवी डेयरी ने घी आपूर्ति का टेंडर जीता। मार्च 2024 में एआर डेयरी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेंडर हासिल किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भोले बाबा डेयरी ने इन प्रॉक्सी कंपनियों को टेंडर प्रक्रिया में सहायता दी और बोली लगाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर भी किया।

घी आपूर्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा

टेंडर के नियमों के अनुसार, एआर डेयरी को घी का उत्पादन और आपूर्ति करनी थी। लेकिन हकीकत में, उसने वैष्णवी डेयरी से घी खरीदा, जिसने असल में ब्लैकलिस्टेड भोले बाबा डेयरी से घी मंगाया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआर डेयरी को "एगमार्क" मानक के अनुसार शुद्ध घी की आपूर्ति करनी थी, लेकिन उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मिलावटी घी की आपूर्ति की।

राजनीतिक विवाद और जांच

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार ने पिछले साल 18 सितंबर में आरोप लगाया था कि भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में भक्तों को दिए जाने वाले लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी। आरोपों के एक दिन बाद टीडीपी ने अपने दावे की पुष्टि के लिए एक लैब भी पेश किया।

टीडीपी ने इसे लेकर पिछली वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि उनकी सरकार तिरुपति के सबसे पवित्र प्रसाद के साथ खिलवाड़ कर रही थी। गौरतलब है कि जगनमोहन रेड्डी सरकार 2019 से 2024 तक सत्ता में थी।

इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष दल गठित किया गया, जिसमें—दो अधिकारी CBI से, दो अधिकारी आंध्र प्रदेश सरकार से और एक अधिकारी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) से शामिल हैं।

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