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लोकसभा चुनाव के बीच करनाल के नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर सहित तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार पर संकट गहरा गया है। तीनों विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने को लेकर राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा है कि भाजपा ने जनता को परास्त कर दिया है और अब भाजपा को मौका देने का कोई औचित्य नहीं है। पत्र में उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार में बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, पारिवारिक पहचान और संपत्ति की पहचान से हर वर्ग नाखुश है। सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायकों में- चरखी दादरी से सोमवीर सांगवान, पूंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर शामिल हैं।
विधायकों ने हरियाणा सरकार से क्यों लिया समर्थन वापस
इन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है। करनाल के नीलोखेड़ी (आरक्षित सीट) से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि राज्य सरकार को हर मौके पर समर्थन दिया लेकिन उन्होंने किसी भी कार्यक्र में मुझे नहीं बुलाया। बकौल धर्मपाल हमने राज्यसभा चुनाव में, राष्ट्रपति चुनाव में सरकार का समर्थन किया। नायब सैनी को भी हमने अपना समर्थन दिया। चुनाव चल रहा है। नीलोखेड़ी, तरावड़ी, निसिंग में कई कार्यक्रम हुए, लेकिन मुझे किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। मैंने जनता के कहने पर समर्थन वापस ले लिया।
निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। धर्मपाल ने कहा कि कांग्रेस गरीब और किसान हित की पार्टी है। कांग्रेस एक अच्छी पार्टी है। मुझे जनता ने आशीर्वाद दिया था। आगे भी मिलेगा। अभी कांग्रेस में शामिल होने की कोई बात नहीं है और ना हमें मंत्री पद चाहिए। बस हम अपनी जनता का काम करना चाहते हैं।
कांग्रेस ने क्या कहा?
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समर्थन के लिए तीनों विधायकों का आभार जताया व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विधायकों ने जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। बकौल भूपेंद्र हुड्डा- "सही समय पर लिया गया उनका सही निर्णय निश्चित रूप से फल देगा। लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है। पिछले डेढ़ साल में अन्य दलों से कांग्रेस में अब तक कई विधायक, पूर्व विधायक, सांसद और पूर्व सांसद समेत 100 से ज्यादा बड़े नेता शामिल हो चुके हैं।"
आम आदमी पार्टी ने की सैनी सरकार को बर्खास्त करने की मांग
उधर, आप आदमी पार्टी ने राज्यपाल से सैनी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। आप के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि राज्य में भाजपा अल्पमत हो चुकी है। नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री सैनी को इस्तीफा दे देना चाहिए। तुरंत प्रभाव से विधानसभा चुनाव कराए जाए। बहुतम खो चुकी सरकार में मंत्री और सीएम रहने का कोई हक नहीं।
हरियाणा सरकार को कोई दिक्कत नहींः मुख्यमंत्री सैनी
निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस भ्रम फैला रही है कि सरकार अल्पमत में है। सैनी ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस झूठ का सहारा ले रही है। वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, पहले भी लोगों ने देखा है कि जब लोकसभा में इनको लगता था कि इनकी सरकार दिक्कत में है तब ये कुछ लोगों की इच्छाएं पूरी करते हुए घूमते थे। प्रदेश के लोग कांग्रेस की इच्छा पूरी करने वाली नहीं है...ये भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं कि सरकार अल्पमत में है। सरकार को कोई दिक्कत नहीं है।
किस पार्टी के कितने विधायक?
बता दें हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास 40 विधायक हैं। मार्च में 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा को 5 निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त हुआ। अब तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मार्च में मुख्यमंत्री की भूमिका संभालने के बाद विश्वास मत हासिल किया। वह 25 मई को करनाल से विधानसभा उपचुनाव भी लड़ेंगे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पास एक विधायक है।
पार्टी विधायक
भाजपा 40
कांग्रेस 30
जेजेपी (दुष्यंत चौटाला) 10
निर्दलीय 6
इंडियन नेशनल लोक देल 1
एचएलपी (हरियाणा लोकहित पार्टी) 1
सैनी सरकार खतरे में है?
90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में कुल 88 विधायक हैं। 2 सीटें खाली हैं। बहुमत के लिए 45 सीटों की जरूरत हैं। भाजपा के कुल 40 विधायक हैं। सैनी सरकार ने दावा किया कि उसके साथ 3 निर्दलीय विधायकों के अलावा JJP के 4 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।