नई दिल्ली: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में योग करना एक सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर अर्चना मकवाना के लिए महंगा पड़ गया है। पंजाब पुलिस ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में अर्चना मकवाना के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही मकवाना को लगातार धमकियां भी मिल रही हैं। वहीं, दूसरी ओर रविवार को गुजरात पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करा दी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मकवाना के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए (जानबूझकर और किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का दुर्भावनापूर्ण इरादा) के तहत एफआईआर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की ओर से मिली शिकायत के बाद दर्ज की गई। फैशन डिजाइनर और लाइफस्टाइल इंफ्ल्यूएंसर मकवाना के खिलाफ अमृतसर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
हालांकि अमृतसर पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। पंजाब पुलिस कोई कार्रवाई करती, इससे पहले ही मकवाना ने रविवार को अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो अपलोड किया और बताया कि उन्हें वडोदरा क्राइम ब्रांच की ओर से पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है।
मकवाना ने कहा, ‘मैंने सुरक्षा के लिए आवेदन नहीं किया था। मैं ऐसी त्वरित कार्रवाई के लिए वडोदरा पुलिस और गुजरात पुलिस की आभारी हूं। मै सुरक्षित महसूस कर रही हूं। मैं गुजरात सरकार को भी धन्यवाद देती हूं।’
अर्चना मकवाना ने कही थी धमकी मिलने की बात
इससे पहले अर्चना मकवाना ने आरोप लगाया था कि स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर योग करने की उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे। मकवाना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग करते हुए अपनी तस्वीरें भी पोस्ट की थीं। हालांकि, विवाद सामने आने के बाद मकवाना ने बाद में इसके लिए माफी मांग ली थी। उन्होंने कहा था कि उसका इरादा कभी भी किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था।
इंटरनेशनल योगा डे पर डाली थी तस्वीर
शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मकवाना स्वर्ण मंदिर पहुंची थीं और ‘परिक्रमा’ पथ पर योग किया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे के बिना कुछ पोस्ट किया। मैं यह नहीं जानती थी कि गुरुद्वारा साहिब परिसर में योग करना कुछ लोगों के लिए अपमानजनक हो सकता है क्योंकि मैं सिर्फ उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर रही थी और मेरा इरादा किसी को नुकसान पहुंचाने का नहीं था। मैं अपनी वजह से किसी की भी भावना को चोट पहुंचने के लिए ईमानदारी से माफी मांगती हूं और भविष्य में और अधिक सावधान रहने का वादा करती हूं। कृपया मेरी क्षमा याचना स्वीकार करें।’
इस बीच गोल्डन टेंपल के शीर्ष गुरुद्वारा निकाय एसजीपीसी ने स्वर्ण मंदिर में ड्यूटी पर तैनात तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं।
एसजीपीसी अध्यक्ष एचएस धामी ने एक बयान में कहा, ‘किसी को भी स्वर्ण मंदिर में सिख आचरण के खिलाफ कुछ करने की अनुमति नहीं है, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर इस पवित्र स्थान की पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व को नजरअंदाज करते हैं और आपत्तिजनक कृत्य करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इस कृत्य से सिख भावनाएं और ‘मर्यादा’ आहत हुई हैं, इसलिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।’