नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज मतगणना हो रही है। 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में चले इस चुनाव में कुल 8360 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है। जिनमें 1333 उम्मीदवार राष्ट्रीय पार्टियों से, 532 राज्य पार्टियों से, और 2580 गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों से उम्मीदर हैं। इसके अलावा कुल 3915 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। उम्मीदवारों की कुल संख्या पिछले आम चुनावों 2019 और 2014 से कहीं ज्यादा है। 2019 में कुल 7928 उम्मीदवार तो 2014 में 8205 उम्मीदवार मैदान में थे।
राहुल गांधी
इस चुनाव में कई ऐसे स्टार कैंडिडेट भी मैदान में हैं जिन्हें 2019 के आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इनमें राहुल गांधी से लेकर महबूबा मुफ्ती और कन्हैया कुमार, संबित पात्रा तक का नाम शामिल है। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी दो सीटें पर चुनाव लड़े थे। एक उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से और दूसरा केरल के वायनाड से। राहुल अमेठी से चुनाव हार गए थे। लेकिन वे वायनाड से जीतने में कामयाब रहे। राहुल गांधी इस बार भी वायनाड से मैदान में हैं। इसके साथ ही उन्होंने यूपी के रायबरेली से भी चुनाव लड़ा है।
संबित पात्रा और कन्हैयाा कुमार
भाजपा के संबित पात्रा भी पिछली बार ओडिशा के पुरी से चुनाव हारने के बाद फिर से मैदान में हैं। भाजपा ने संबित पात्रा पर इस चुनाव में फिर से भरोसा जताया और दोबारा पुरी से टिकट दिया है। बिहार के बेगुसराय से वाम के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से वह हार गए थे। हार के बाद कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए। इस बार वे फिर से पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से भाजपा के मनोज तिवारी के खिलाफ मैदान में हैं।
राज बब्बर और शत्रुघ्न सिन्हा
2019 के चुनाव में बॉलीवुड स्टार कैंडिडेट राज बब्बर यूपी के फतेहपुरी सिकरी से चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकट दिया है। इस बार वह हरियाणा के गुरुग्राम से चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा एक और स्टार कैंडिडेट शत्रुघ्न सिन्हा भी 2019 में कांग्रेस की टिकट पर पटना साहिब से चुनाव लड़ा था लेकिन भाजपा के रविशंकर सिंह ने उन्हें पराजित कर दिया था। शत्रुघ्न सिन्हा इसके बाद टीएमसी का दामन थाम लिया और 2022 के उपचुनाव में पार्टी ने आसनसोल से उम्मीदवार बनाया और वे जीत गए। शत्रुघ्न सिन्हा को टीएमसी ने आसनसोल से फिर उम्मीदवार बनाया है।
पप्पू यादव
बिहार के मधेपुरा से 2019 के लोकसभा चुनाव में हारने वाले पप्पू यादव इस बार पूर्णिया से निर्दलीय प्रत्याशी हैं। चुनाव से पहले पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का कांग्रेस में विलय कर दिया और पूर्णिया से महागठबंधन उम्मीदवारी की मांग की लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और राजद प्रत्याशी बीमा भारती को मैदान में उतार दिया गया। पप्पू यादव इससे नाराज हो गए और उन्होंने यहां से निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया।
दिग्विजय सिंह और महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ति इस बार फिर से अनंतनाग से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। 2019 के चुनाव में महबूबा को नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने पराजित किया था। इस बार महबूबा मुफ्ती के सामने सीट फारूक अब्दुल्लाह की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद से लड़ाई है। इसी तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंंत्री दिग्विजय सिंह भी मध्य प्रदेश के राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के चुनाव में दिग्विज सिंह भोपाल से चुनावी मैदान में थे जहां उन्हें साध्वी प्रज्ञा से पराजय का सामना करना पड़ा। इस बार राजगढ़ में दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा के कद्दावर नेता रोडमल नागर हैं। नागर इस सीट से लगातार दो बार से चुनाव जीतते रहे हैं।