'लड़ाई यहीं खत्म नहीं होती', जाति जनगणना कराने के फैसले पर सपा की पहली प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी।

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव। Photograph: (ग्रोक)

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत सरकार ने राजनीतिक विषयों के कैबिनेट में फैसला लिया है कि जाति आधारित जनगणन को आने वाली जनगणना में शामिल किया जाएगा। वहीं मोदी सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, सपा ने कहा कि बीजेपी को आखिर इस देश की मांग के आगे झुकना ही पड़ा।

सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"जातिगत जनगणना सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में ही हो। भारतीय जनता पार्टी को आखिर देश की मांग के आगे झुकना ही पड़ा। मगर ध्यान रहे, पिछड़ों, दलितों और वंचितों की लड़ाई अभी यहीं ख़त्म नहीं होती, यह जनगणना कौन करेगा? समिति के सदस्य हर समाज के लोग होंगे या नहीं? सही जनगणना होनी बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार से हम सभी की मांग है कि यह जनगणना सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में ही हो।"

सपा ने जातिगत जनगणना के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया

बता दें कि सपा चीफ अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने जातिगत जनगणना के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। सपा ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया था कि वह जातिगत जनगणना से बच रही है, क्योंकि इससे OBC और अन्य वंचित समुदायों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। सपा ने साल 2011 की जनगणना के दौरान भी मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में इसकी मांग उठाई थी।

जाति जनगणना को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी। बैठक में सरकार ने जाति जनगणना कराने का भी फैसला लिया है।   कैबिनेट जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया। 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई। जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।

उन्होंने आगे कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा। तत्पश्चात एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनैतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाय, सर्वे कराना ही उचित समझा, जिसे सीईसीसी के नाम से जाना जाता है।

 

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