नई दिल्ली: लद्दाख क्षेत्र में लेह के दौलत बेग ओल्डी इलाके में एलएएसी के पास नदी पार करने के अभ्यास के दौरान एक टैंक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से भारतीय सेना के पांच जवानों की मौत हो गई। घटना शनिवार तड़के हुई। अधिकारियों की ओर से यह जानकारी सामने आई है।

सामने आई जानकारी के अनुसार चीन से लगी सीमा के नजदीक देर रात करीब एक बजे हुई इस दुर्घटना में मारे गए पांच जवानों में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) भी शामिल है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सैनिक एक ट्रेनिंग मिशन पर थे। इस मिशन के तहत टैंक से रात में नदी पार करने का अभ्यास चल रहा था। इसी के तहत सैनिक टी-72 टैंक पर सवार होकर लेह से करीब 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास बोधि नदी पार कर रहे थे। इसी दौरान अचानक जल स्तर बढ़ने लगा और जल्द ही पूरी टैंक और सैनिक उफनती नदी में डूब गए। मारे गए जवानों के शव मिल गए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुख

घटना की जानकारी मिलने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने घटना के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'लद्दाख में एक टैंक को नदी के पार ले जाते समय हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हमारे भारतीय सेना के पांच बहादुर जवानों की जान जाने पर गहरा दुख हुआ है। हम राष्ट्र के प्रति हमारे वीर सैनिकों की सर्वोच्च सेवा को कभी नहीं भूल सकेंगे। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।'

वहीं, लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर से आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी IANS को बताया कि शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दौलत बेग ओल्डी इलाके में टैंक युद्ध का अभ्यास चल रहा था। इस अभ्यास के दौरान टैंक जिस नदी को पार कर रहे थे, उसके आसपास मौजूद ऊंचे इलाकों में अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई।

सूत्रों ने कहा, 'अचानक आई बाढ़ से एक टैंक पानी के भीतर ही फंस गया, जिसमें पांच सैनिक मारे गए।' इस हादसे में कई जवान घायल भी बताए जा रहे हैं।

पहले भी हुए हैं लद्दाख में हादसे

पिछले साल लेह के पास कियारी में एक जेसीओ सहित नौ सैनिकों की जान उस समय चली गई थी जब सेना का एक ट्रक सड़क से उतरकर गहरी खाई में गिर गया था।

बता दें कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से लद्दाख में गतिरोध जारी है। सीमा विवाद का पूरा समाधान अभी तक नहीं हो सका है। हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्ष कई पोस्ट से पीछे हटे हैं जो विवादित हैं।

इस साल जनवरी में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि सेना उत्तरी सीमा पर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा था, 'सेना उत्तरी सीमाओं (चीन के साथ) पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार और सक्षम है।' जनरल पांडे ने कहा था कि हमने उन क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को विकसित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। आर्मी चीफ ने तब कहा था कि लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर स्थिति 'स्थिर, फिर भी संवेदनशील' बनी हुई है।