श्रीनगरः पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास स्थित इलाकों में तनाव गहरा गया है। इसके चलते सीमावर्ती गांवों के लोग एक बार फिर अपने पुराने भूमिगत बंकरों की सफाई और आपातकालीन तैयारियों में जुट गए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सलोतड़ी और कर्मारहा जैसे गांवों में रहने वाले लोग संभावित खतरे को देखते हुए बंकरों को दुरुस्त कर रहे हैं। लोग बंकरों में कंबल और बिस्तर जैसी जरूरी चीजें जमा कर रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में परिवारों को सुरक्षित रखा जा सके।
कर्मारहा गांव के एक निवासी ने एएनआई से बातचीत में कहा, "लोग बंकरों को भूल चुके थे। अब फिर से बंकरों की सफाई हो रही है। डर का माहौल है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि घाटी में शांति बनी रहेगी।" एक अन्य ग्रामीण ने कहा, "हम सरकार के साथ हैं। आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और सेना व प्रशासन के समर्थन में खड़े हैं। जब भी जरूरत होगी, हम अपने प्राणों की आहुति देने के लिए भी तैयार हैं।"
#WATCH पुंछ, जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा(LOC) के पास करमारा गांव के लोगों ने सरकार द्वारा सुरक्षा के लिए बनाए गए बंकरों की सफाई की। pic.twitter.com/BIawPcbA9h
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 26, 2025
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पहले इस क्षेत्र में अक्सर गोलीबारी होती थी, इसलिए बंकरों का निर्माण कराया गया था। ये बंकर, जिन्हें स्थानीय लोग 'मोदी बंकर' भी कहते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बनाए गए थे ताकि सीमावर्ती आबादी को गोलाबारी के दौरान सुरक्षित रखा जा सके।
अब, हालात बिगड़ने के अंदेशे के चलते, लोग इन बंकरों को दोबारा उपयोग के लिए तैयार कर रहे हैं। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। सरकार की ओर से अतीत में पुंछ और राजौरी जैसे संवेदनशील इलाकों में व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता और तकनीकी समर्थन भी दिया गया था।
खुफिया एजेंसियों ने जारी की 14 आतंकियों की सूची
इस बीच, पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ खुफिया एजेंसियों ने बड़ा कदम उठाया है। एजेंसियों ने 14 स्थानीय आतंकियों की पहचान की है, जो सक्रिय रूप से पाकिस्तानी आतंकियों को जमीनी सहायता और लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहे हैं। इन आतंकियों की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है।
बताया जा रहा है कि ये आतंकी पाकिस्तान समर्थित तीन बड़े आतंकी संगठनों- हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)- से जुड़े हुए हैं। इनमें तीन हिज्बुल मुजाहिदीन से, आठ लश्कर से और तीन जैश से संबंधित हैं।
एजेंसियां इन 14 आतंकियों के उन पांच हमलावरों से संबंधों की भी जांच कर रही हैं, जिन्होंने 22 अप्रैल को पाहलगाम के नजदीक बैसारन की खूबसूरत घाटी में हमला कर 26 पर्यटकों की जान ली थी। उस हमले में शामिल पांच आतंकियों में से तीन पाकिस्तानी थे।