नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बातचीत कर नागरकुर्नूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग हादसे में फंसे लोगों के बचाव कार्य की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम तुरंत भेजने के निर्देश दिए।

घटना के समय सुरंग के अंदर करीब 70-80 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से 8 लोग अब भी फंसे हुए हैं। इनमें दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं।

मौके पर मौजूद अन्य कर्मियों के अनुसार, सुरंग के भीतर पानी और मिट्टी का धीरे-धीरे रिसाव शुरू हुआ, जो बाद में तेज हो गया। इस दौरान वहां काम कर रहे कुछ मजदूर बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन जो लोग सुरंग की गहराई में बोरिंग मशीन के पास काम कर रहे थे, वे अंदर ही फंस गए। 

राहत और बचाव अभियान तेज

तेलंगाना सरकार ने बचाव अभियान के लिए विशेषज्ञों की मदद ली है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल उत्तराखंड में एक सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाला था। इसके अलावा, राहत और बचाव कार्य के लिए भारतीय सेना और एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है।

राज्य सरकार ने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) की 19 सदस्यीय विशेष टीम को भी बचाव कार्यों में लगाया है। ए के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एन बालाराम ने कहा कि उनकी टीम के पास ऐसी आपदाओं से निपटने का अनुभव और आधुनिक उपकरण हैं, जो ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और पोलैंड से मंगवाए गए हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास ऐसी मशीनें और रॉक कटर हैं, जो मिनटों में बड़े-बड़े पत्थरों को काट सकते हैं।"

सुरंग में ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी

तेलंगाना सरकार ने आश्वस्त किया है कि सुरंग के भीतर वेंटिलेशन सिस्टम काम कर रहा है, जिससे अंदर फंसे लोगों को ऑक्सीजन मिल रही है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हमने सभी एंबुलेंस और मेडिकल टीमें हाई अलर्ट पर रखी हैं। डॉक्टरों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।"

श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग ढहने की घटना को लेकर तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि यह परियोजना करीब 20 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन विभिन्न बाधाओं के चलते इसका काम काफी धीमी गति से चल रहा था। उन्होंने कहा, "जब यह परियोजना पूरी होगी, तो इसे तेलंगाना के लिए एक वरदान माना जाएगा।"

सिंचाई मंत्री ने हादसे के पीछे की क्या वजह बताई?

मंत्री रेड्डी ने बताया कि घटना से पहले भूगर्भीय रेखा में दरारें आने लगी थीं, जिससे सुरंग के अंदर पानी का रिसाव शुरू हो गया था। हालांकि, इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने कहा, "अमेरिकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने मुझे बताया कि उन्हें यह एक सामान्य घटना लगी, इसलिए उन्होंने काम जारी रखा। लेकिन धीरे-धीरे दरार बढ़ती गई और अचानक पानी व कीचड़ बड़े पैमाने पर सुरंग में घुस गए।"

मंत्री ने आश्वासन दिया कि बचाव दल मौके पर पहुंच चुका है और पूरी कोशिश की जा रही है कि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा, "मैं बचाव कार्यों की निगरानी के लिए सुबह-सुबह फिर से साइट पर जाऊँगा। हमारा पूरा प्रयास है कि हम सभी 8 लोगों की जान बचा सकें।"

मुख्यमंत्री रेड्डी ने जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग, हाइड्रो और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं। सभी संबंधित विभाग समन्वय से काम करें और जितना संभव हो, क्षति को कम करें।"

सरकार इस हादसे की विस्तृत जांच भी करा रही है कि आखिर यह दुर्घटना किन कारणों से हुई और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जाए।