हैदराबादः तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार को ओबीसी समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। सीएम रेड्डी ने शिक्षा, नौकरी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में ओबीसी आबादी के लिए 42 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने की घोषणा की।
सीएम रेड्डी ने इस ऐतिहासिक कदम को लेकर अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने इसे भारतीय स्वतंत्रता के बाद से पिछड़े वर्गों की सबसे लंबी बहुप्रतीक्षित मांग बताया।
सीएम रेवंत रेड्डी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अपनी पोस्ट में लिखा, "तेलंगाना को गर्व है कि वह भारत में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि हम भारतीय स्वतंत्रता के बाद से पिछड़े वर्गों की सबसे लंबी मांग को पूरा कर रहे हैं। हमारे भाई-बहन जो पिछड़े वर्गों से आते हैं, उनकी यह मांग थी कि उन्हें आधिकारिक जनगणना में गिना और पहचाना जाए और आज इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर हम सफलता प्राप्त कर रहे हैं।"
Telangana is proud to lead the social revolution in #India
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) March 17, 2025
It is my honour to announce the longest pending demand of the subaltern groups since Indian Independence, the yearning of our brothers & sisters belonging to the Backward Castes, on being counted & recognised in an…
उन्होंने आगे कहा, "आज तेलंगाना विधानसभा के नेता के रूप में और मुख्यमंत्री के रूप में, मैं यह संजीदगी से घोषणा करता हूं कि हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और वैज्ञानिक तरीके से की गई सर्वेक्षणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि तेलंगाना में ओबीसी आबादी 56.36 प्रतिशत है। हम अब यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं कि इस समूह को शिक्षा, रोजगार, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के सभी क्षेत्रों में 42 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।"
सीएम रेवंत रेड्डी का ऐतिहासिक फैसला
रेवंत रेड्डी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में बदलाव लाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक कदम का समर्थन करें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
सरकार के इस फैसले के बाद तेलंगाना के ओबीसी समुदाय को विभिन्न सरकारी सेवाओं और अवसरों में समान भागीदारी मिलेगी। इस आरक्षण की घोषणा से राज्य में सामाजिक समानता और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा, और पिछड़े वर्गों के विकास में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की यह घोषणा आने वाले समय में तेलंगाना के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। इससे राज्य में ओबीसी समुदाय के लिए बेहतर अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।