तेलंगानाः केसीआर के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में केस करने वाले व्यक्ति की हत्या

तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस का कहना है कि हत्या की वजह जमीनी विवाद भी हो सकती है।

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केसीआर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले युवक की चाकू मारकर हत्या Photograph: (आईएएनएस)

हैदराबादः तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले एन राजलिंगम मूर्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। मूर्ति ने केसीआर और उनके कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मेदिगड्डा बैराज के कुछ खंभों के ढहने का जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा दायर किया था।

हत्या बुधवार रात को जयशंकर-भूपालपल्ली जिले के भूपालपल्ली इलाके में हुई। दो अज्ञात हमलावरों ने युवक पर चाकू से हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि हत्या की वजह जमीनी विवाद हो सकता है। 

हाई कोर्ट में सुनवाई से पहले हत्या

एन राजलिंगम मूर्ति द्वारा दायर मामले में चुनौती देते हुए केसीआर की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई गुरुवार को होनी थी। सुनवाई से पहले राजलिंगम की हत्या कर दी गई। मूर्ति बाइक पर सवार थे तभी हमलावरों ने शाम करीब 7 बजकर 30 मिनट पर उन पर चाकू से हमला कर दिया। हालांकि, मूर्ति ने भागने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने पीछा किया और मार दिया। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पुलिस उपाधीक्षक (डिप्टी एसपी) संपथ राव ने कहा कि " हमें शक है कि इसका कारण जमीनी विवाद हो सकता है। मूर्ति का कुछ स्थानीय लोगों के साथ भूमि को लेकर विवाद था।" पुलिस ने कहा है कि हमलावरों की पहचान के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।

भूपलपल्ली इलाके में दर्ज कराई गई थी शिकायत

मूर्ति ने अक्तूबर 2023 में भूपलपल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में बीआरएस प्रमुख केसीआर, पूर्व कृषि मंत्री और अन्य के खिलाफ एफआईरआर दर्ज करने की बात की गई थी। मूर्ति ने आरोप लगाया था कि मेदिगड्डा बैराज के खंभे डूबने के लिए ये लोग जिम्मेदार हैं।

यह कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस प्रोजेक्ट में जनता के करोड़ों रुपयों का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया था। इस मामले में जब पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था तो उन्होंने एक स्थानीय अदालत का रुख किया था। इसके बाद शिकायत दर्ज की गई। बाद में यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा। मूर्ति ने साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। 

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