हैदराबादः दक्षिणी राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया को लेकर जारी विवाद में अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के दो दिन पहले दिए गए बयान को लेकर सवाल खड़ा किया है।
दरअसल, अमित शाह ने बयान दिया था कि परिसीमन से दक्षिणी राज्यों की सीटों पर कोई असर नहीं होगा। इस पर रेड्डी ने कहा कि इसका मतलब है कि दक्षिणी राज्यों में लोकसभा सीटें नहीं बढ़ेंगी।
स्टालिन भी रहे हैं हमलावर
इससे पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन भी परिसीमन प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। स्टालिन ने इस विषय में आगामी पांच मार्च को सभी दक्षिणी राज्यों की पार्टी की बैठक बुलाई है। यह बैठक चेन्नई में होनी है। इस विषय में रेड्डी ने कहा कि मैं 100 प्रतिशत इसमें हिस्सा लूंगा। उन्होंने कहा "वास्तव में, मैं इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है और हाल ही में केरल में उठाया है।"
रेड्डी ने जोर देते हुए कहा कि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन करने का कथित प्रस्ताव एक साजिश थी। उन्होंने कहा कि परिसीमन आनुपातिक आधार पर होना चाहिए। उन्होंने पूछा कि अमित शाह ने लोगों को यह क्यों नहीं बताया कि दक्षिणी और उत्तरी राज्यों में कितनी सीटें बढेंगी।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीटें किस आधार पर बढ़ेंगी? क्या यह जनसंख्या के आधार पर होगी या फिर आनुपातिक आधार पर होगी? उन्होंने कहा कि यदि यह जनसंख्या के आधार पर होगा तो दक्षिणी राज्यों में सीटें उस तरह से नहीं बढ़ पाएंगी क्योंकि हमने जनसंख्या नियंत्रण करने के उपाय अपनाए हैं जबकि उत्तरी राज्यों ने ऐसा नहीं किया है।
रेड्डी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इसके साथ ही रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार परिसीमन के आधार पर दक्षिणी राज्यों को आर्थिक और राजनैतिक रूप से कमजोर करना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि क्योंकि भाजपा का दक्षिणी राज्यों में प्रतिनिधित्व अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा "यह हमेशा सत्ता में बनी रहना चाहती है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा। "
आनुपातिक आधार का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा यदि 50 प्रतिशत सीटें बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है तो उत्तर प्रदेश की 40 सीटें बढ़ेंगी क्योंकि यहां पर 80 लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की कुल सीटें 120 हो जाएंगी। इस आधार पर उन्होंने कहा कि तेलंगाना में 17 सीटें हैं, इस आधार पर यहां पर कम से कम 9 सीटें बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं है तो 1971 की जनगणना के अनुसार,जनसंख्या को आधार मानना चाहिए।
दक्षिणी राज्यों में एक बार फिर से हिंदी को लेकर विवाद बढ़ रहा है। इस पर रेवंत ने कहा कि कोई भी यह नहीं स्वीकार करेगा कि उन पर कोई अन्य भाषा थोपी जाए। उन्होंने कहा "हर कोई अपनी मातृभाषा से प्यार करता है। " रेड्डी ने आगे कहा कि तेलुगु प्राचीन भाषा है और यदि कोई इसे थोपकर विलुप्त करने की कोशिश करेगा तो हम ऐसा होने नहीं देंगे।