'लालू यादव को गाली देने वाले ही भारत रत्न देंगे', कर्पूरी ठाकुर की मिसाल देकर बोले तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि आज जो लोग लालू प्रसाद यादव की आलोचना कर रहे हैं। वे ही भविष्य में उन्हें सम्मानित करेंगे। तेजस्वी ने कहा कि जो लोग आज लालू जी को गाली दे रहे हैं, भविष्य में वही लोग उन्हें भी भारत रत्न देंगे।"

tejashwi yadav

tejashwi yadav Photograph: (Social Media)

पटना: कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव के एक बयान से बिहार के सियासी गलियारों में राजनीति गरमा गई है। दरअसल, तेजस्वी ने अपने पिता और बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव को भारत रत्न का दावेदार बताया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आरक्षण लागू करने पर कर्पूरी ठाकुर की आलोचना करने वाले उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए।

तेजस्वी यादव ने कहा कि आज जो लोग लालू प्रसाद यादव की आलोचना कर रहे हैं। वे ही भविष्य में उन्हें सम्मानित करेंगे। तेजस्वी ने कहा कि जो लोग आज लालू जी को गाली दे रहे हैं, भविष्य में वही लोग उन्हें भी भारत रत्न देंगे।"

तेजस्वी यादव ने खोला मोर्चा 

तेजस्वी यादव के इस बयान बाद बीजेपी और जेडीयू ने आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी यादव के बयान से हैरानी होती है।  एक सजायाफ्ता को भारत रत्न मिलेगा इसकी उम्मीद भी हास्यास्पद है। क्या कभी किसी कुख्यात घोटाले के आरोपी को भारत रत्न मिला है। 

तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा लालू प्रसाद यादव के लिए भारत रत्न की मांग पर बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता कृष्णानंद पासवान ने कहा कि तेजस्वी अगर परिपक्व नेता होते तो यह बात नहीं कहते, उन्हें शर्म नहीं आती। लालू प्रसाद यादव दुनिया के सबसे बड़े घोटालेबाज व्यक्ति हैं। बिहार का खजाना लूट लिया गया था। बिहार में अपहरण का उद्योग चलता था। ऐसे घोटालेबाज व्यक्ति के लिए भारत रत्न की उपाधि मांगना राजनीति में धिक्कार है। 

दिलीप जायसवाल का पलटवार 

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल ने तेजस्वी यादव के बयान पर कहा कि कुछ लोगों की आदत होती है दिन में सपना देखने और उल्टा-पुल्टा बोलने की। भारत रत्न मिलने की एक अलग गरिमा होती है, क्या एक सजायाफ्ता आदमी को भारत रत्न मिल सकता है..?

आरजेडी सांसद मनोज झा ने तेजस्वी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि साल 1977 से 78 के बीच में आरक्षण को बढ़ाने का किसने काम किया.. कर्पूरी ठाकुर को अपशब्द कहने वाले, गद्दी छोड़ कहने वाले कौन थे, बीजेपी वाले थे...बाबा साहेब अंबेडकर का अमित शाह ने अनादर से नाम लिया, कर्पूरी जी के बाद लालू जी नहीं होते तो क्या होता.1980 मैं बीजेपी का जो स्वरूप था क्या वह आज उसी तरह का है।  

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