पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के अवसर पर एक कार्यकर्ता द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर उनके पैरों के पास रखे जाने को लेकर उठे विवाद के बीच तेजस्वी यादव ने पिता का बचाव करते हुए भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर इस मुद्दे को तूल देकर "झूठा प्रचार" कर रही है।
पटना में मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, "भाजपा ‘बड़का झूठा पार्टी’ है। जिन लोगों को बाबा साहेब के संविधान की कोई परवाह नहीं, वे आज अंबेडकर जी की तस्वीर को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। लालू यादव ने बिहार भर में बाबा साहेब की सैकड़ों मूर्तियां लगवाईं। हम अंबेडकर की विचारधारा के सच्चे अनुयायी हैं।"
तेजस्वी ने यह भी बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी 78 वर्षीय लालू यादव स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद 10-10 घंटे काम कर रहे हैं, और उन पर लगाए जा रहे आरोप “नीच राजनीति” का हिस्सा हैं।
क्या है पूरा मामला?
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन समारोह के दौरान एक कार्यकर्ता ने अंबेडकर की तस्वीर अनजाने में उनके पैरों के पास रख दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और राजद पर अंबेडकर का "अपमान" करने का आरोप लगाया।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है। लालू यादव जिस तरह से राजा बनने की कोशिश कर रहे हैं, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने बाबा साहेब का अपमान किया है।
भाजपा सांसद संजय जयसवाल ने भी हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, 'पहले तो उन्होंने तस्वीर पैरों के पास रखी, फिर उसे ‘कचरे में’ रखने जैसी टिप्पणी कर दी। यह पूरे देश को शर्मिंदा करने वाली घटना है। लालू यादव को इसके लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।'
घटना का राजनीतिकरण गलतः तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा को पहले अपने नेताओं के द्वारा किए गए बयानों और आचरण पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम संविधान निर्माता के सिद्धांतों को मानते हैं, न कि उनके नाम पर राजनीति करते हैं। एक कार्यकर्ता की असावधानी को जानबूझकर 'अपमान' का रूप देना भाजपा की सस्ती राजनीति है।'