पटनाः राजनीतिक विरासत और पारिवारिक पहचान से इतर अपनी अलग राह तलाशने की कोशिश में तेज प्रताप यादव ने शनिवार को ऐलान किया कि वे महुआ सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।मीडियाकर्मियों से बातचीत में तेज प्रताप ने कहा, "टीम तेज प्रताप यादव एक ऐसा मंच है जो सीधे जनता से जुड़ेगा। अबकी बार चाचा (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। हम महुआ से चुनाव लड़ेंगे। विरोधी बेचैन हो गए हैं, उन्हें तकलीफ होने लगी है।"
राजद से निष्कासन के बाद तेज प्रताप अपने लिए एक अलग राजनीतिक पहचान गढ़ने में जुटे हैं। हाल ही में उन्होंने ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से नया फेसबुक पेज लॉन्च किया, जिसमें न तो राजद का नाम है और न ही पारंपरिक चुनाव चिह्न। इस पेज पर लिखा है- "जिसका कायम है प्रताप, वही है आपका अपना तेज प्रताप।"
चाचा नीतीश नहीं बनेंगे मुख्यमंत्रीः तेज प्रताप
उन्होंने कहा कि टीम तेज प्रताप यादव सोशल मीडिया का एक प्लेटफॉर्म है। तेज प्रताप ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सारी राजनीतिक गतिविधियाँ अब इसी प्लेटफॉर्म से साझा होंगी।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बार चाचा (नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। जिसकी भी सरकार बने, अगर वो युवा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की बात करेगा तो तेज प्रताप यादवपूरीताकतसेउनकेसाथखड़ेरहेंगे। हममहुआसेचुनावलड़ेंगे, विरोधीबहुतहैं, उन्हेंखुजलीहोनेलगीहै..."
#WATCH | Patna, Bihar: Former state minister Tej Pratap Yadav says, "Team Tej Pratap Yadav is a platform to reach the people... This time, Uncle (Nitish Kumar) will not become the Chief Minister. Whoever's government is formed, if they talk about youth, employment, education, and… pic.twitter.com/gpb8cJK2e9
— ANI (@ANI) July 26, 2025
इससे पहले, तेज प्रताप ने अपनी कार से राजद का झंडा हटा दिया था। जब वे अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र महुआ में रोड शो के लिए पहुँचे तो उनके समर्थक 'टीम तेज प्रताप यादव' लिखे हरे-सफेद झंडों के साथ नजर आए।
राजद से निष्कासन और पारिवारिक विवाद
तेज प्रताप बीते मई में तब विवादों में घिर गए जब अनुष्का यादव के साथ उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। तस्वीर के साथ उनके बीच 12 वर्षों के कथित संबंध की बात भी सामने आई। शुरुआत में उन्होंने फेसबुक अकाउंट हैक होने का दावा किया, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि पोस्ट उन्होंने ही किया था।
इसके बाद राजद संरक्षक लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। साथ ही, उन्हें परिवार से भी अलग कर दिया गया। लालू ने कहा, "व्यक्तिगत जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी, सामाजिक न्याय के हमारे सामूहिक संघर्ष को कमजोर करती है। तेज प्रताप का आचरण न तो पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप है, न ही परंपराओं के।"
तेज प्रताप के छोटे भाई और राजद के प्रमुख चेहरा तेजस्वी यादव ने भी सार्वजनिक रूप से पिता के फैसले का समर्थन किया।
तेज प्रताप की लगातार महुआ में मौजूदगी और ‘टीम तेज प्रताप’ के माध्यम से जनसंपर्क ने अटकलें तेज कर दी हैं कि वे एक नई राजनीतिक पार्टी भी लॉन्च कर सकते हैं। हालांकि अभी उन्होंने निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, लेकिन यह साफ है कि वे युवाओं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को अपने चुनावी एजेंडे में प्राथमिकता देंगे।