तिरुप्पुरः भारत की निटवियर की राजधानी कही जाने वाली तिरुप्पुर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चिंता व्यक्त की है। जिससे 20,000 कारखाने और लगभग 30 हजार नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं।
इंडिया टुडे ने तिरुप्पुर निर्यातक संघ के संयुक्त सचिव कुमार दुरईसामी के हवाले से लिखा कि 2,500 निर्यातकों और 20,000 एकल इकाइयों के साथ यह जिला भारत के निटवियर निर्यात में 68 प्रतिशत योगदान देता है।
44,744 करोड़ रुपये का टर्नओवर
उन्होंने कहा "बीते साल हमने 44,744 करोड़ रुपये का टर्नओवर बनाया था जो कोविड लॉकडाउन, पश्चिमी अर्थव्यवस्था में मंदी और रूस-यूक्रेन संकट के बीच एक अभूतपूर्व वृद्धि है। इसके बाद हमें 20 प्रतिशत की वृद्धि मिली। तिरुप्पुर अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और अफ्रीकी देशों को सेवाएं प्रदान करता है जिनमें से अमेरिका व्यापार का 40 प्रतिशत, यूरोप का 40 प्रतिशत, ब्रिटेन का 10 प्रतिशत और शेष 10 प्रतिशत है।"
पूरी तरह से अमेरिकी खरीदारों पर निर्भर निर्यातकों को इस संकट का सबसे बड़ा खतरा है। अंडरगारमेंट्स, बेबीसूट्स और स्लीपवियर जैसी मुख्य वस्तुएं बनाने वाली फैक्ट्रियां "गहरी मुसीबत" में पड़ गई हैं, क्योंकि बेहद कम मुनाफे के कारण टैरिफ को झेल पाना उनके लिए नामुमकिन हो गया है।
दुरईसामी ने आगे कहा "खरीदारों ने कारखानों को निर्देश दिया है कि जो भी माल तैयार है, उसे 27 अगस्त तक भेज दें। इसके साथ ही टैरिफ का एक निश्चित हिस्सा वहन करने को भी कहा है, जिस पर कई लोग सहमत भी हैं। लेकिन जब भारत के लिए दूसरा 25 प्रतिशत टैरिफ घोषित किया जाता है तो यह एक बहुत बड़ा झटका होता है क्योंकि कोई भी इस तरह के झटके को नहीं झेल सकता। इससे ऑर्डर पर रोक लग गई है और खरीदार ने 27 अगस्त के बाद ऑर्डर की शिपमेंट न करने का निर्देश दिया है।"
सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
तमिलनाडु के मु्ख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। स्टालिन ने लिखा "बीते वित्त वर्ष में जहां भारत के कुल 433.6 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात का 20 प्रतिशत अमेरिका को हुआ, वहीं तमिलनाडु के 52.1 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात का 31 प्रतिशत अमेरिका को गया। अमेरिकी बाजार पर इस बढ़ती निर्भरता का स्पष्ट अर्थ है कि तमिलनाडु पर टैरिफ का असर अधिकांश भारतीय राज्यों की तुलना में कहीं अधिक होगा।"
तमिलनाडु की हिस्सेदारी भारतीय कपड़ा निर्यात में 28 फीसदी है। इस पर प्रकाश डालते हुए स्टालिन ने चेतावनी दी कि शुल्क वृद्धि लाखों लोगों की आजीविका को खतरे में डाल सकती है। उन्होंने कहा "विशेष रूप से हमारा कपड़ा क्षेत्र लगभग 75 लाख लोगों को रोजगार देता है और 25 प्रतिशत शुल्क और प्रस्तावित 50 प्रतिशत शुल्क के साथ, अनुमानित 30 लाख नौकरियां तत्काल खतरे में हैं। इस संकट को कम करने के लिए उन संरचनात्मक मुद्दों का समाधान करना आवश्यक है जो लंबे समय से हमारी निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में बाधा बन रहे हैं।"