तिरुवल्लूरः  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि डीएमके अगर नीट, भाषा नीति और परिसीमन जैसे मुद्दे उठा रही है, तो ये ‘ध्यान भटकाने’ की रणनीति नहीं, बल्कि राज्यों के अधिकारों की लड़ाई है। डीएमके अध्यक्ष ने अमित शाह को चुनौती दी कि अगर केंद्र सरकार पर सवाल उठाना ध्यान भटकाना है, तो इन सवालों पर साफ जवाब क्यों नहीं दिए जा रहे? उन्होंने कहा कि हम न किसी शाह से डरते हैं, न झुकते हैं।

स्टालिन शुक्रवार एक तिरुवल्लूर में सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अमित शाह को कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने कहा कि "नीट हो, तीन भाषा नीति हो, वक्फ संशोधन कानून हो या परिसीमन जैसे मुद्दे जो कुछ राज्यों को प्रभावित कर सकते हैं, इन पर जोरदार और लगातार आवाज सिर्फ हम ही उठा रहे हैं।"

उन्होंने सवाल किया, "क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गुनाह है? क्या ये 'ध्यान भटकाना' है कि हम संविधान और संघीय ढांचे की रक्षा की बात कर रहे हैं?" स्टालिन ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल की निष्क्रियता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा जीतकर एक ऐतिहासिक फैसला हासिल किया, जिसने यह साबित कर दिया कि डीएमके केवल बातें नहीं करती, बल्कि परिणाम भी लाती है।

स्टालिन ने अमित शाह को कई मुद्दों पर स्पष्ट जवाब की चुनौती दी

स्टालिन ने अमित शाह से सीधे सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आप तमिलनाडु को नीट से छूट देने की गारंटी दे सकते हैं? क्या आप आश्वासन दे सकते हैं कि हिंदी थोपने की कोशिश नहीं की जाएगी? क्या आप स्पष्ट रूप से बता सकते हैं कि तमिलनाडु को केंद्र से कितना फंड मिला? और क्या आप आश्वासन दे सकते हैं कि परिसीमन के बाद राज्य की संसद में हिस्सेदारी नहीं घटेगी? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर हम जो कर रहे हैं वह ध्यान भटकाना है, तो इन सवालों के स्पष्ट जवाब तमिलनाडु की जनता को क्यों नहीं दिए जा रहे?

गौरतलब है कि अमित शाह ने 11 अप्रैल को डीएमके पर गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए परिसीमन और त्रि-भाषा नीति जैसे मुद्दे उठाने का आरोप लगाया था, और चेतावनी दी थी कि लोग 'व्यापक भ्रष्टाचार'  पर सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व से जवाब मांगेंगे।

स्टालिन ने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे डीएमके के खिलाफ भ्रष्टाचार का हवाला देकर लोगों को भटकाना चाहते हैं, लेकिन तमिलनाडु की जनता सच जानती है। उन्होंने कहा कि आपने देश के बाकी राज्यों में रेड डालकर, एजेंसियों से डराकर सरकारें तोड़ दीं। लेकिन तमिलनाडु ऐसी जमीन नहीं है। ये आत्म-सम्मान की भूमि है, जहाँ डर और गुलामी की कोई जगह नहीं।

मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि हम न किसी शाह से डरते हैं, न झुकते हैं। सिर्फ अमित शाह ही नहीं, कोई भी 'शाह' तमिलनाडु पर राज नहीं कर सकता। यह तमिलनाडु है, स्वाभिमान और प्रतिरोध की भूमि।