नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार रात एक अधिसूचना जारी कर तीन साल के लिए एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की घोषणा कर दी। यह अधिसूचना तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने की खबरों के बीच जारी की गई है। राणा को लेकर एक टीम गुरुवार दोपहर तक भारत पहुंच सकती है। राणा को 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तारी के बाद अमेरिका से प्रत्यर्पित किया जा रहा है। 

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और खुफिया अधिकारियों की एक टीम राणा को अपने हिरासत में लेकर अमेरिका से उड़ान भर चुकी है। अमेरिकी जेल ब्यूरो (बीओपी) ने भी पुष्टि की है कि राणा अब उनकी हिरासत में नहीं है। बीओपी की वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दी गई है। अमेरिकी जेल ब्यूरो ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि राणा 8 अप्रैल से उनकी हिरासत में नहीं है।

गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में क्या कहा गया है?

गृह मंत्रालय की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में संयुक्त सचिव (एमएचए), अभिजीत सिन्हा ने कहा, 'राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 (2008 का 34) की धारा 15 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, श्री नरेद्र मान, अधिवक्ता को एनआईए विशेष न्यायालय, दिल्ली और अपीलीय न्यायालयों के समझ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण की ओर से एनआईए मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई के ट्रायल एवं अन्य संबद्ध मामलों के संचालन के लिए, इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन वर्षों के लिए या ट्रायल के समाप्त होने तक, जो भी पहले हो, विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करती है।'

एनआईए के अनुसार, केस नंबर आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई हेडली-मुंबई आतंकी हमले की साजिश का मामला है। 26, नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राणा के प्रत्यर्पण को मोदी सरकार की बड़ी सफलता बताया। शाह ने न्यूज18 राइजिंग भारत समिट में बोलते हुए कहा, 'राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की बड़ी सफलता है। मोदी सरकार का प्रयास भारत के सम्मान, भूमि और लोगों पर हमला करने वालों को न्याय के कटघरे में लाना है। उसे यहां लाया जाएगा और मुकदमा और सजा का सामना करना होगा। यह मोदी सरकार की बड़ी सफलता है।'

दिल्ली में लैंड होगा तहव्वुर राणा को ला रहा विमान

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम तीन खुफिया अधिकारियों के साथ रविवार को राणा की हिरासत हासिल करने के लिए अमेरिका पहुंची थी। 

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक सूत्र ने बताया, 'उसे हिरासत में लेने के बाद टीम रवाना हो गई और गुरुवार को दिल्ली पहुंच रही है। एनआईए ने दिल्ली पुलिस की न्यायिक अभिरक्षा वाहिनी को गुरुवार सुबह करीब 7 बजे एयरपोर्ट पर एक पायलट एस्कॉर्ट के साथ जेल वैन भेजने को कहा है, ताकि राणा को एयरपोर्ट से एनआईए मुख्यालय तक पहुंचाया जा सके।'

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पहुंचने पर राणा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। वीडियो लिंक के जरिए उसकी पेशी अभी अदालत में की जाएगी। इससे पहले तहव्वुर राणा को भारत को नहीं प्रत्यर्पित करने की अपील अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस सप्ताह खारिज कर दी थी। इसके बाद राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू हुई थी।

राणा ने अपनी प्रत्यर्पण को रोकने के लिए यह दावा किया था कि उसे भारत में यातना दी जा सकती है। उसने एक ब्रिटिश मामले का हवाला दिया था, जिसमें एक व्यक्ति को भारत भेजने से रोका गया था क्योंकि उसे यातना का खतरा था। हालांकि, अमेरिकी न्यायाधीश एलेना कागन ने मार्च में राणा की अपील खारिज कर दी थी, और बाद में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स के पास भेजा गया था। कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया और राणा की अपील को खारिज कर दिया।

राणा भारत में 2008 के मुंबई हमले के मामले में वांछित है। वह डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी था, जिसे अमेरिका में मुम्बई हमले के लक्ष्यों का सर्वे करने का दोषी ठहराया गया था। हालांकि, राणा को इन हमलों के लिए सीधे सहयोग करने का दोषी नहीं पाया गया, लेकिन अन्य आरोपों में उसे दोषी ठहराया गया और दस साल से अधिक की सजा दी गई।

कोविड-19 महामारी के कारण राणा की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे जेल से रिहा किया गया था। लेकिन बाद में उसे भारत को प्रत्यर्पित करने के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया। डेविड हेडली को अमेरिकी अधिकारियों के साथ एक समझौते के तहत प्रत्यर्पण से राहत मिली थी, जबकि राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आई और अब उसके सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं।

राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस दौरे के दौरान की थी। इसके बाद राणा ने सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन  उसकी सभी कानूनी अपीलों को खारिज कर दिया गया।

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)