नई दिल्ली: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के बाद प्रधानमंत्री मोदी का साल 2011 का एक पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है। दरअसल, इस ट्वीट में पीएम मोदी ने तत्कालीन यूपीए पर निशाना साधा था। मालूम हो कि उस समय अमेरिका ने तहव्वुर राणा को मुबंई हमले के आरोप से मुक्त कर दिया था। इस पर पीएम मोदी ने इसे सरकार की विदेश नीति की असफलता बताया था। अब जब तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण सफल हो गया है तो पीएम मोदी का वह पुराना ट्वीट वायरल हो रहा है।
US declaring Tahawwur Rana innocent in Mumbai attack has disgraced the sovereignty of India & it is a “major foreign policy setback”
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2011
पीएम मोदी ने उस ट्वीट में लिखा था कि 'अमेरिका ने मुंबई हमले के मामले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित कर दिया है। यह भारत की संप्रभुता के लिए शर्मनाक बात है और यह भारत की विदेश नीति को बड़ा झटका है।' कई यूजर्स ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। गौरतलब है कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तहव्वुर राणा को लेकर एनआईए की एक विशेष टीम गुरुवार को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरी। एयरपोर्ट पहुंचते ही तहव्वुर राणा को हिरासत में ले लिया गया। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बताया जा रहा है।
तहव्वुर राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में
बता दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को गुरुवार शाम अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंचते ही उसे हिरासत में लिया। इसके बाद राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। एनआईए अब राणा से 2008 के मुंबई हमलों की साजिश के बारे में विस्तार से पूछताछ करेगी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। राणा को लॉस एंजिल्स से एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों के साथ एक विशेष विमान से भारत लाया गया। अमेरिका में राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कई कानूनी कोशिश की, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका भी शामिल थी।
मुंबई हमले का मुख्य आरोपी है राणा
एनआईए ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए वर्षों तक प्रयास किए। एजेंसी ने अमेरिका की एफबीआई, न्याय विभाग (यूएसडीओजे) और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। राणा पर आरोप है कि उसने मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। मुंबई हमले 26 नवंबर 2008 को हुए थे, जब 10 आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस समेत कई जगहों पर हमला किया था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमले की योजना बनाने का आरोप है।