बिहार भाजपा के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। वे 72 साल के थे। कैंसर से पीड़ित सुशील कुमार मोदी पिछले कई दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार रात 9.30 के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजनों के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा। पटना में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बिहार भाजपा के संटमोचक, नीतीश कुमार ने बताया था ‘भामाशाह’
स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले जेपी आंदोलन की उपज रहे मोदी लंबे समय तक बिहार की राजनीति के एक कद्दावर नेता रहे। वह 2005 में पहली बार उस समय बिहार के उपमुख्यमंत्री बने जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की राजनीति ने करवट ली। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को तब जनता से सत्ता से बाहर किया था। मोदी को बिहार के वित्त मंत्री के रूप में उनके लंबे कार्यकाल के लिए भी याद किया जाएगा। नीतीश कुमार ने उन्हें एक समय बिहार का ‘भामाशाह’ बताया। भामाशाह दरअसल महाराणा प्रताप के सेनापति विश्वास पात्र सहलाकर रहे थे।
‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के अनुसार नीतीश कुमार ने जब महादलितों के लिए छात्रवृत्ति के अलावा छात्राओं के लिए मुफ्त साइकिल और ड्रेस जैसी योजनाएं शुरू कीं, तो कई पत्रकारों ने उनसे पूछा कि इसके लिए वे पैसे कहां से लाएंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया था, ‘मेरे पास मेरे भामाशाह हैं जो पैसे की व्यवस्था करेंगे।’
सुशील मोदी उन कुछ चुनिंदा नेताओं में से एक थे जो चार विधायी सदनों – लोकसभा, राज्यसभा, बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य रहे।
सुशील कुमार मोदी का राजनीतिक सफर
– बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ।
– साल 1973 में पटना साइंस कॉलेज में दाखिला लिया और बी.एससी (ऑनर्स) वनस्पति विज्ञान से स्नातक किया। उन्होंने एम.एससी (बॉटनी) में दाखिला लिया लेकिन बीच में ही छोड़ दिया। वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रहे। उस वक्त लालू प्रसाद यादव संघ के अध्यक्ष थे।
– 1974 में सुशील कुमार मोदी ने बिहार में शुरू हुए छात्र आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और नेतृत्व किया। जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान उन्हें पांच बार गिरफ्तार किया गया था।
– 1975 में आपातकाल के दौरान सुशील कुमार मोदी को 30 जून को गिरफ्तार कर लिया गया और वे लगातार 19 महीने तक जेल में रहे।
– 1977 से 1986 तक सुशील कुमार मोदी एबीवीपी में विभिन्न पदों पर रहे। एबीवीपी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उर्दू को बिहार और उत्तर प्रदेश की दूसरी भाषा घोषित करने के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया।
– साल 1986 में सुशील कुमार मोदी ने जेसी जॉर्ज से शादी की और उनके दो बेटे, उत्कर्ष तथागत और अक्षय अमृतांशु हैं।
– साल 1990 में सुशील कुमार मोदी सक्रिय राजनीति में शामिल हुए और पटना सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्हें बीजेपी बिहार विधानमंडल दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। वे उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर निर्वाचित हुए।
– साल 1996 से 2004 तक सुशील कुमार मोदी राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की। बाद में इस मामले में लालू को सजा हुई और जेल भी जाना पड़ा।
– साल 2000 में सुशील कुमार मोदी कुछ समय के लिए नीतीश कुमार सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे। उस समय 7 दिनों के लिए नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे। सुशील मोदी ने झारखंड राज्य के गठन का भी समर्थन किया था।
– 2004 में सुशील कुमार मोदी भागलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य भी बने।
– साल 2005 में बिहार में एनडीए सत्ता में आई और सुशील कुमार मोदी बिहार भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए। उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। उनके पास कई अन्य विभागों के साथ-साथ वित्त विभाग भी था।
– 2010 के बिहार चुनाव में एनडीए की जीत के बाद फिर सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने।
– 2017 में बिहार में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन सरकार की टूट के पीछे सुशील कुमार मोदी को मुख्य किरदार माना जाता है।
– साल 2020 में राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई सीट को भरने के लिए सुशील कुमार मोदी बिहार से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए। इस तरह वह उन नेताओं में शामिल हो गए जो राज्यसभा, लोकसभा और विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्य बने।
– अप्रैल 2024 में सुशील कुमार मोदी ने खुलासा किया कि वे कैंसर से जूझ रहे हैं और वह 2024 के आम चुनावों के लिए भाजपा के लोकसभा चुनाव अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे।
– 13 मई, 2024 को देर शाम सुशील कुमार मोदी के 72 साल की उम्र में कैंसर के कारण निधन की खबर आई।