सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की मंगलवार 20 अगस्त को सुनवाई करेगी।
31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में बलात्कार और हत्या कर दी गई थी। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को एक याचिका दायर कर अदालत से घटना संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया था।
घटना के एक दिन बाद पुलिस ने मामले के सिलसिले में पुलिस से जुड़े एक सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा कि वह इस मामले का मुख्य संदिग्ध है। बाद में, पुलिस जांच में चूक का हवाला देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया।
इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देश भर के डॉक्टरों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। डॉक्टरों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
मंत्रालय द्वारा एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी।
“रातिरेर साथी” नामक पहल की घोषणा
मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने रविवार महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “रातिरेर साथी” नामक पहल की घोषणा की।
उन्होंने कहा, “जहां तक संभव हो महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी देने से परहेज करने के हरसंभव प्रयास किए जाएं। सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में महिलाओं के प्रति अच्छा व्यवहार रखने वाले सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।”