नई दिल्लीः कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री को फटकार लगाई है।

इस मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने मंत्री की टिप्पणियों को अस्वीकार्य और असंवेदनशील बताते हुए कहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को बोलने में संयम बरतना चाहिए। 

चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस गवई ने शाह के व्यवहार पर सवाल करते हुए पूछा "आप किस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं? आपको थोड़ी समझदारी दिखानी चाहिए। जाकर हाईकोर्ट में माफी मांगिए। "

विपक्ष, सैन्य दिग्गजों और यहां तक कि सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों द्वारा विजय शाह की आलोचना की गई। इसके अलावा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बुधवार को मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने को कहा था। वहीं, सर्वोच्च न्यायालय में एफआईआर न दर्ज करने की मांग पर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार किया था। 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की याचिका खारिज करते हुए कहा "एक दिन में आपको कुछ नहीं होगा। आप जानते हैं कि आप कौन हैं?" इस मामले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तय किया है। 

क्या है पूरा मामला? 

मध्य प्रदेश के आदिवासी कल्याण मंत्री विजय शाह ने 12 मई को इंदौर में एक सार्वजनिक सभा के दौरान भाषण में टिप्पणी की थी जिसके बाद से विवाद उपजा है। इस कार्यक्रम के दौरान शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर ऐसी टिप्पणियां की। शाह की टिप्पणी को व्यापक रूप से सांप्रदायिक, लैंगिक और अपमानजनक माना गया। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)' के बारे में मीडिया के सामने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कई ब्रीफिंग की। 

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद ऑपरेशन सिंदूर लांच किया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट नामक संगठन ने ली थी। यह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा वित्तपोषित है।