नीट-यूजी की दोबारा परीक्षा नहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कहा- व्यापक गड़बड़ी के सबूत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रीनीट यानी दोबारा परीक्षा नहीं होगी, इसमें काफी ज्यादा खर्च आएगा। कोर्ट ने कहा कि जो चीटिंग हुई थी वो पटना और हजारीबाग के अलावा कहीं नहीं हुई थी।

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How many people have been arrested so far in the NEET paper leak case, Bihar Police submitted the investigation report.

How many people have been arrested so far in the NEET paper leak case, Bihar Police submitted the investigation report.

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को नीट-यूजी परीक्षा दोबारा कराने की मांग को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि प्रश्न पत्र लीक होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। शीर्ष अदालत ने का कहना है कि परीक्षा रद्द करने की मांग सही नहीं है। इसका मतलब है कि नीट-यूजी परीक्षा दोबारा नहीं होगी।

अदालत ने यह भी जोर दिया कि नीट-यूजी की दोबारा परीक्षा कराने से 24 लाख छात्र गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। अगर दोबारा परीक्षा हुआ तो इसमें ज्यादा खर्च आएगा।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचुड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ इस साल 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा की दोबारा परीक्षा की मांग वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। याचिकाओं में प्रश्न पत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था।

फैसला सुनाते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचुड़ ने कहा कि अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों और आईआईटी मद्रास की एक रिपोर्ट की जांच की है, जिसमें पाया गया कि बड़े पैमाने पर पेपर लीक नहीं हुआ था।

चीफ जस्टिस ने कहा:

  • हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जो ये साबित करे कि परीक्षा का परिणाम गलत है या परीक्षा की शुचिता को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।
  •  जो चीटिंग हुई थी वो पटना और हजारीबाग के अलावा कहीं नहीं हुई थी।
  • कोर्ट को पता है कि दोबारा परीक्षा कराने से उन छात्रों को बहुत दिक्कत होगी जिन्होंने पहले ही परीक्षा दे दी है।
  • इस साल फिर से परीक्षा कराने से दाखिले का पूरा कार्यक्रम बिगड़ जाएगा, मेडिकल पढ़ाई पर असर पड़ेगा।
  • भविष्य में अच्छे डॉक्टर तैयार करने में दिक्कत होगी और उन छात्रों को भी नुकसान होगा जिनके लिए सीटें आरक्षित की गई हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रीनीट यानी दोबारा परीक्षा नहीं होगी, इसमें काफी ज्यादा खर्च आएगा।
  • कोर्ट ने सीबीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इन केंद्रों पर 155 छात्र सीधे तौर पर पेपर लीक से फायदा उठाए थे।

चीफ जस्टिस ने कहा, "क्योंकि सीबीआई की जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए कोर्ट ने पहले आदेश में केंद्र सरकार से कहा था कि 571 शहरों के 4750 केंद्रों के नतीजों से कुछ रुझान निकाले जा सकते हैं या नहीं। सरकार ने आईआईटी मद्रास का विश्लेषण पेश किया है जिसमें डेटा विश्लेषण के आधार पर उसकी स्थिति बताई गई है।"

अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर सीबीआई की जांच में पता चलता है कि पेपर लीक से ज्यादा लोग फायदा उठाए हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एनईईटी पेपर में एक प्रश्न के दो सही विकल्प होने के मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश ने आईआईटी दिल्ली की रिपोर्टका हवाला दिया। कोर्ट ने एनटीए से आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ पैनल द्वारा दी गई राय के मद्देनजर अंकों को नए सिरे से मिलान करने को कहा, जिसमें कहा गया कि दो विकल्पों को एक प्रश्न का सही उत्तर नहीं माना जा सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ताओं को इस फैसले के खिलाफ कोई शिकायत है, तो वे कानून के अनुसार अपने अधिकारों और उपायों का पालन कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को सही विकल्प पर अपनी राय बनाने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने और 23 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक अपनी राय अदालत के रजिस्ट्रार को भेजने को कहा था।

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