नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ‘नई आबकारी नीति’ मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तत्काल अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस भी जारी किया है।
कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिकाओं के संबंध में सीबीआई को नोटिस जारी किया है। इस फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ये उम्मीद कर रही थी कि सीएम केजरीवाल को भी अंतरिम जमानत मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
ऐसे में अब इस पर आगामी 23 अगस्त को सुनवाई होगी। इस दिन जांच एजेंसी को केजरीवाल को गिरफ्तार करने के संबंध में जवाब देना होगा।
सिसौदिया की जमानत के आधार पर दायर की थी याचिका
दरअसल, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की संबंधित जांच में मनीष सिसौदिया को दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। मनीष सिसौदिया के जमानत की सुनवाई में कोर्ट ने माना था कि पूर्व डिप्टी सीएम पिछले 17 महीने से जेल में हैं।
ऐसे में इस तरह के मामले में उन्हें लंब समय तक हिरासत में रखना जहां मुकदमे के जल्दी खत्म होने की कोई उम्मीद नहीं हो, यह उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इस मामले में कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई की बात कही थी।
याचिका में केजरीवाल ने क्या कहा है
मनीष सिसौदिया की जमानत के आधार पर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थी। पहली याचिका में उन्होंने अपनी जमानत की मांग की थी और दूसरी में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
याचिका में केजरीवाल ने कोर्ट से जल्दी ही जमानत दिए जाने पर भी जोर दिया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक की दोनों याचिकाओं पर सुनवाई की है।
केजरीवाल ने क्या तर्क दिया है
सोमवार को दायर याचिकाओं में केजरीवाल ने तर्क दिया है कि जिस तरीके से इसी मामले में कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत पर रिहा करना उचित समझा है उसी आधार उनके मामले में भी कोर्ट को वैसा ही रुख अपनाना चाहिए और उन्हें भी जल्दी ही जमानत दिया जाना चाहिए।
अभिषेक मनु सिंघवी ने दी है यह दलील
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रखी थी। सिंघवी ने कहा, “ईडी वाले मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है। सीबीआई अब तक केजरीवाल के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत एकत्रित करने में विफल रही है। ऐसे में उन्हें सीबीआई वाले मामले में जमानत मिल जानी चाहिए।”
कोर्ट ने दलीलों को किया खारिज
कोर्ट ने केजरीवाल की ओर से पैरवी कर रहे सिंघवी की दलीलों को खारिज करते हुए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम केजरीवाल की जमानत याचिका पर आगे सुनवाई करेंगे।
इस पर अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से इसे तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। इसके बाद शीर्ष अदालत उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।
अभी भी जेल में हैं केजरीवाल
इससे पहले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी वाले मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन सीबीआई वाले मामले में वे अभी तक जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट से पहले केजरीवाल ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
केजरीवाल पर क्या लगे हैं आरोप
दिल्ली सीएम और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं पर यह आरोप है कि इन लोगों ने कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए दिल्ली आबकारी नीति में खामियां पैदा करने की आपराधिक साजिश रची थी।
जांज एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि इससे मिले पैसों को आम आदमी पार्टी ने गोवा के चुनावी अभियान में इस्तेमाल किया था। इन आरोपों पर जुलाई 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की थी।
ये नेता भी हो चुके हैं गिरफ्तार
जांच के बीच मामले में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई है। इस संबंध में गिरफ्तार होने वाले केजरवाल तीसरे नेता थे। मामले में फरवरी 2023 में मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी हुई थी जो इस साल नौ अगस्त को रिहा हुए हैं।
यही नहीं इस केस में राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी छह महीने तक हिरासत में थे जिसके बाद अप्रैल में शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ