सुप्रीम कोर्ट Photograph: (सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस याचिका पर सुनवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने की है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पैरा मिलिट्री फोर्स की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है। वहीं, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर दाखिल 2 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई है।
इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को यह आदेश देने के लिए रिट जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है। हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं। वकील जैन ने कोर्ट को बताया कि कल के लिए याचिका पहले ही सूचीबद्ध है और वह राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पर पहले ही कार्यपालिका के काम पर अतिक्रमण करने के आरोप लग रहे हैं।
याचिका में क्या?
बता दें कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई। दरअसल, मुर्शिदाबाद हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की है। साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए भी पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टता की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील वकील शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दाखिल की है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच सुनवाई करेगी।
ममता बनर्जी प्रदेशवासियों के नाम लिखा शांति पत्र
इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रदेशवासियों के नाम शांति पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लिखा, "विरोधी कभी नहीं चाहते कि कुछ सकारात्मक और अच्छा काम किया जाए।" पत्र के अंत में उन्होंने लिखा, "किसी भी प्रलोभन या बहकावे में नहीं आएं। राज्य में शांति बहाल है।"
वहीं, राज्यपाल सी।वी। आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। शनिवार को उन्होंने कहा कि वह पिछले सप्ताह मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटना को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष उठाएंगे और वहां जमीनी स्तर पर स्थिति पर अपने निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट भी केंद्र सरकार को सौंपेंगे।