सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार Photograph: (आईएएनएस)
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी। राहुल गांधी ने दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना की "पिटाई" करने का दावा किया गया था।
यह मामला कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के बारे में की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित है। 2022 में भारत जोड़ों यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि चीन ने भारत की 2,000 किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है।
अदालत ने राहुल गांधी से पूछा सवाल
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुनवाई के दौरान पीठ ने राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कहा "आपको कैसे पता कि चीन द्वारा 2000 वर्ग किमी जमीन अधिग्रहित की गई है, यदि आप सच्चे भारतीय हो तो आप ऐसा नहीं कहेंगे।"
पीठ ने कहा "आप नेता प्रतिपक्ष हो; संसद में अपनी बात कहें, सोशल मीडिया पर नहीं।" सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को भी एक नोटिस जारी की है।
राहुल गांधी ने समन आदेश को दी थी चुनौती
जस्टिस दीपांकर दत्ता और आगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। राहुल गांधी ने उनके खिलाफ जारी समन आदेश को चुनौती दी थी।
कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि यह शिकायत राजनीति से प्रेरित थी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से दायर की गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इससे पहले 29 मई को उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। यह मामला उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर किया गया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा पर संघर्ष में सेना के संदर्भ में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
सेना के पूर्व अधिकारियों के हवाले से किया दावा
राहुल गांधी ने पहले चीन द्वारा जमीन अधिग्रहण की बात 2022 में राजस्थान में की थी। इसके बाद जनवरी 2023 में राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से दोहराया।
राहुल गांधी ने दावा किया था कि सेना के पूर्व अधिकारियों ने उनसे कहा है कि कई पेट्रोलिंग प्वाइंट जो पहले भारत के कब्जे में थे, अब चीन के नियंत्रण में हैं।
इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एक मामला दर्ज कराया गया था जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें समन भेजा गया था। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन यहां याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट गए।