नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार ईवीएम (EVM) की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने कहा, “जब चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम में कोई छेड़छाड़ नहीं होती, लेकिन जब हारते हैं तो इसे छेड़छाड़ कहा जाता है।”
यह याचिका धर्म प्रचारक से राजनेता बने केए पॉल ने दायर की थी। महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा-शिवसेना महायुति की भारी जीत के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। पॉल ने इन शिकायतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से ईवीएम की जगह बैलट पेपर के इस्तेमाल की अपील की थी।
केए पॉल ने याचिका में कहा था कि ईवीएम के खिलाफ कई नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायतों के बाद, ईवीएम को समाप्त कर बैलट पेपर के जरिए चुनाव कराने की आवश्यकता है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का हवाला दिया था, जिन्होंने ईवीएम को टेम्पर्ड करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा एलन मस्क के बयान ‘ईवीएम को हैक किया जा सकता है’ का भी उल्लेख किया था।
‘हारने पर ही ईवीएम को लेकर क्यों शिकायत होती है’
पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान दिलचस्प टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू और यस जगनमोहन रेड्डी चुनाव जीतते हैं तो वे ईवीएम के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करते, वे केवल तब शिकायत करते हैं जब वे चुनाव हारते हैं।
कोर्ट ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा कि यहां इस मुद्दे पर बहस नहीं की जा सकती। न्यायालय ने पॉल को फटकार भी लगाई। पीठ ने कहा कि उन्हें ऐसी याचिकाएं दाखिल करने के लिए विचार कहां से आते हैं। अदालत ने पॉल को सलाह दी कि उन्हें राजनीति के बजाय धर्म प्रचारक के रूप में अपना काम जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह उनका असली क्षेत्र नहीं है।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हार के बाद बैलेट पेपर पर चुनाव की मांग की
वहीं, मंगलवार को एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया और ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करने की मांग की। खड़गे ने कहा, हमें ईवीएम नहीं चाहिए, हम बैलेट पेपर चाहते हैं।
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने भी आरोप लगाया है कि चुनाव परिणाम “सावधानीपूर्वक तरीके से खेल के मैदान को असमान बनाकर” लाए गए थे। उनके पार्टी सहयोगी पवन खेड़ा ने भी ईवीएम को लेकर चिंता जताते हुए कहा, “एक ऐसे देश में जहाँ परीक्षा पत्र लीक हो जाते हैं, क्या हम मशीनों पर आंख मूंदकर विश्वास कर सकते हैं?”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 230 सीटें जीतकर शानदार सफलता हासिल की, जबकि महाविकास अघाड़ी को 50 से भी कम सीटें मिलीं। नतीजों पर टिप्पणी करते हुए शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने दावा किया कि उन्हें ईवीएम से संबंधित करीब 450 शिकायतें मिलीं, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। राउत ने ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए चुनाव को फिर से बैलट पेपर से कराने की मांग की।