सुप्रीम कोर्ट के सामने ऑनलाइन पेश हुआ अतुल सुभाष का चार वर्षीय बेटा, माँ ने सर्वोच्च अदालत में लगायी थी गुहार

अतुल सुभाष की माँ ने सर्वोच्च अदालत में अपने नाती को प्रस्तुत किए जाने की याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान चार वर्षीय बच्चे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

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Atul Subhash Supreme Court Video Conferencing

सुप्रीम कोर्ट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ अतुल सुभाष का चार वर्षीय बेटा, फोटोः बोले भारत डेस्क

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिवंगत एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की माँ की बंद प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को उनके चार वर्षीय बच्चे को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया। अदालत के आदेश पर अतुल सुभाष के बेटे को न्यायालय के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिखाया गया।

अतुल सुभाष की माँ बच्ची की कस्टडी प्राप्त करके उसका लालन-पालन करना चाहती हैं। निचली अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी तो वह सुप्रीम कोर्ट पहुँची। अतुल सुभाष और उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया के बीच तलाक का मुकदमा चल रहा था। अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक लम्बा वीडियो बनाकर सोशलमीडिया पर शेयर किया और उसके बाद आत्महत्या कर ली थी।

अतुल सुभाष ने जौनपुर के परिवार न्यायालय की एक जज पर भी उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

बीवी नागरत्ना और एस सी शर्मी की बेंच में हो रही थी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि "यह एक बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका है। हम बच्चे को देखना चाहते हैं। बच्चे को प्रस्तुत करें।"

निकिता के वकील ने उच्चतम न्यायलय को आश्वासन दिया कि बच्चे को 30 मिनट के भीतर पेश किया जाएगा। इसके बाद बच्चे को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिखाया गया।

अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने चार वर्षीय बच्चे की कस्टडी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही थी। अंजू देवी ने बेटे अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद नाती को पालने की इच्छा से याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की थी खारिज

हालांकि, इस साल की शुरुआत में अंजू देवी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह 'बच्चे के लिए अजनबी' हैं। उस समय कोर्ट ने कहा था कि "यह कहते हुए खेद है लेकिन याचिकाकर्ता बच्चे के लिए अजनबी हैं। यदि आप बच्चे की कस्टडी चाहती हैं तो उसके लिए अलग से प्रावधान है।"

आज की सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया गया कि बच्चा अपनी मां के साथ रह रहा है। इससे पहले बच्चा हरियाणा के स्कूल में पढ़ रहा था। हालांकि अब उसने स्कूल छोड़ दिया है।

अतुल सुभाष को बीते साल 9 दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलाला में उनके घर पर फांसी पर लटका पाया गाया। अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले अपने जारी किए गए 80 मिनट के वीडियो में इच्छा जाहिर की थी कि उनके बच्चे की परवरिश दादा-दादी के यहाँ हो।

अतुल सुभाष की मां ने कहा था कि अपने नाती की परवरिश से उन्हें अपने बेटे की यादों को संजोने में मदद मिलेगी।

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