नई दिल्ली: अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताई है। अली खान ने भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 20 या 21 मई को होगी।

ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के चलते हुई गिरफ्तारी

बता दें कि 18 मई को हरियाणा के सोनीपत के राई स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। उन पर 'ऑपरेशन सिंदूर' और सेना की महिला अधिकारियों को लेकर की गई विवादित टिप्पणियों के मामलों में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं। 

अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पांच दिन के पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी। प्रोफेसर के खिलाफ पहला मामला गांव जटेड़ी के सरपंच द्वारा दर्ज कराया गया था। इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 152 और 299 के तहत मामला दर्ज किया गया।

याचिका पर सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के फेसबुक पोस्ट के आधार पर हरियाणा के सोनीपत में 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं।  रविवार को निचली अदालत ने उन्हें 2 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। अली खान की तरफ से मामला रखते हुए सिब्बल ने दावा किया कि उनके पोस्ट में कोई देशविरोधी बात नहीं थी।  सिब्बल ने कहा, 'उन्हें एक देशभक्ति भरी पोस्ट के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है।  मैं अनुरोध करता हूं कि इस मामले को तुरंत सुनवाई के लिए लगाया जाए। ' चीफ जस्टिस बी आर गवई ने सिब्बल को जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया।  चीफ जस्टिस ने कहा कि इस याचिका को मंगलवार या बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।