नक्सल मुक्त हुआ सुकमा का बड़ेशेट्टी गांव, शनिवार 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, यह उपलब्धि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रयासों का परिणाम है।

JHARKHAND 10 LAKH BOUNTY KILLED

Photograph: (IANS)

रायपुरः छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित बड़ेशेट्टी गांव को नक्सल मुक्त घोषित किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे बस्तर और पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।

समाचार एजेंसी से बात करते हुए शनिवार को किरण सिंहदेव ने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रयासों का परिणाम है। बस्तर को उसके पुराने, शांतिपूर्ण परिवेश में वापस लाना हमारे मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और देश के केंद्रीय गृहमंत्री का लक्ष्य था। आज उस दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि नक्सलियों द्वारा लगातार आत्मसमर्पण किया जा रहा है और अब लोग स्वेच्छा से मुख्यधारा में लौटने को तैयार हैं। यह बदलाव सरकार की नीति, दृढ़ इच्छाशक्ति और बार-बार की गई अपीलों का असर है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की बार-बार की अपील है कि नक्सली लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होकर मुख्यधारा से जुड़ें और संविधान के दायरे में रहकर समाज के निर्माण में योगदान दें।

22 नक्सलियों ने शनिवार किया आत्मसमर्पण

बता दें कि शनिवार को ही सुकमा के घने जंगलों में चलाए गए एक ऑपरेशन के दौरान 22 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 9 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं। इस ऑपरेशन में सुकमा डीआईजी ऑफिस, जगदलपुर डीआईजी ऑफिस के साथ-साथ सीआरपीएफ की कई बटालियनों ने हिस्सा लिया। सुरक्षा बलों के इस संयुक्त प्रयास को नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ शासन की 'छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति' एवं 'नियद नेल्ला नार' योजना से प्रभावित होकर और अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से आत्मसमर्पण किया है। नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित कराने में जिला बल, डीआरजी सुकमा, रेंज फिल्ड टीम (आरएफटी) कोंटा, सुकमा, सीआरपीएफ 2, 74, 131, 217, 219, 223, 226, 227, 241 एवं कोबरा 203 वाहिनी के आसूचना शाखा (खुफिया विभाग) के कार्मिकों की विशेष भूमिका रही है।

इससे पहले, 8 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 6 महिला नक्सली भी शामिल थीं। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति और नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।

 

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article