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अमृतसरः बुधवार को स्वर्ण मंदिर के गेट पर शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ। उनपर गोली चलाई गई जिसमें वे बाल बाल बच गए। हमलावर, जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का पूर्व आतंकवादी नारायण सिंह चोरा बताया जा रहा है। मौके पर मौजूद लोगों ने उसे तुरंत काबू में कर पुलिस के हवाले कर दिया।
गौरतलब है कि सुखबीर सिंह बादल अकाल तख्त की धार्मिक सजा के तहत सेवादार की भूमिका में वहां तैनात हैं। हमला सुबह नाै बजे के करीब हुआ। उस समय सुखबीर सेवादार की भूमिका में मेन गेट पर तैनात थे। गेट पर दूसरी तरफ सुखदेव सिंह ढींडसा भी थे। वहीं दरबार साहिब में गोली चलने की आवाज से संगत भी घबरा गए। इस हमले में वे सुरक्षित बच गए।
आरोपी पूर्व में खालसा दल से भी जुड़ा हुआ था
एक वीडियो में देखा गया कि नारायण सिंह चौरा सुखबीर सिंह के करीब धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जैसी ही उसने पिस्तौल निकाली, वैसे ही पास में ही खड़े एक शख्स ने उस पकड़ लेता है। इस दौरान हवा में फायरिंग हो जाती है। पास में मौजूद दरबार साहिब के अधिकारियों और अन्य लोगों ने हमलावर को तुरंत पकड़ लिया। पुलिस ने हमलावर के पास से एक पिस्तौल भी बरामद की। बताया जा रहा है कि नारायण सिंह पूर्व में खालसा दल से भी जुड़ा हुआ था।
अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को 2007 से 2017 तक सत्ता में रहते हुए कथित धार्मिक गलतियों के लिए सजा सुनाई है। उन पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी दिलवाने और सिख पंथ के खिलाफ कार्रवाई में मदद करने के आरोप लगे हैं। अकाल तख्त की सजा के तहत उन्हें सेवादार के रूप में सेवा करनी पड़ रही है। इस घटना के बाद पंजाब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और हमलावर के इरादों और हमले की पृष्ठभूमि को खंगाल रही है।
कल भी आया था हमलावर
अमृतसर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा, "सुखबीर सिंह बादल जी जो यहां सेवा कर रहे थे उनके लिए हमने सुरक्षा कड़ी की हुई है...उसमें एआईजी लेवल के एक अधिकारी, 2 एसपी, 2 डीएसपी और पौने 200 के करीब बल तैनात हैं। हमारे पुलिस बहुत अलर्ट थे उसी वजह से ये वारदात असफल हुआ। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि इसमें नारायण सिंह चौड़ा (हमलावर) जिनका पुरान आपराधिक रिकॉर्ड है उनको गिरफ्तार किया गया। मामला दर्ज कर हर एंगल से जांच की जा रही है.."
वहीं, एडीसीपी हरपाल सिंह ने भी कहा, यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। सुखबीर जी को ठीक से कवर किया गया। नारायण सिंह चौरा (हमलावर) कल भी यहां आए थे और आज भी उन्होंने सबसे पहले गुरु को प्रणाम किया फिर ये गोली चली दी ... किसी को चोट नहीं आई है...।