सुखबीर बादल पर फायरिंग: क्या हमले से एक दिन पहले चौरा से मिले थे SP? मजीठिया ने वीडियो शेयर कर उठाए सवाल

बिक्रम मजीठिया ने एक CCTV फुटेज जारी किया। उन्होंने दावा किया कि यह वीडियो 3 दिसंबर का है, जिसमें अमृतसर पुलिस के SP हरपाल सिंह हमलावर नारायण सिंह चौरा से मुलाकात करते और हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं।

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Bikram Singh Majithia shares cctc footage of Golden Temple

बिक्रम मजीठिया द्वारा शेयर किया गया सीसीटीवी फुटेज (फोटो- एक्स)

अमृतसर: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले के संबंध में पार्टी नेता बिक्रम मजीठिया ने कई सवाल खड़े किए हैं। साथ ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर की एक टिप्पणी पर भी सख्त नाराजगी जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस एंगल से भी जांच की जाएगी कि कहीं हमला सुखबीर बादल के लिए सहानुभूति बटोरने का एक तरीका तो नहीं है।

हमलावर से एक दिन पहले मिले थे एसपी?

अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने बुधवार को स्वर्ण मंदिर का एक CCTV फुटेज जारी किया। उन्होंने दावा किया कि यह वीडियो 3 दिसंबर का है और इसमें अमृतसर पुलिस के SP हरपाल सिंह हमलावर नारायण सिंह चौरा से मुलाकात करते और हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो पर पंजाब पुलिस की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है।

चौरा पूर्व में कट्टरपंथी संगठन लिब्रेशन फोर्स- अकाली फेडरेशन से जुड़ा रहा है। उस पर कई आरोप हैं। 1984 में चौरा पाकिस्तान भी गया था। पंजाब उस वक्त आतंकवाद की चपेट में था। उस दौर में उस पर हथियार-विस्फोटकों की तस्करी के भी आरोप रहे हैं।

बहरहाल, सुखबीर बादल पर बुधवार को हुए हमले के बाद पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर गोल्डन टेंपल पहुंचे थे और मीडिया को जानकारी दी थी कि हमलावर को पकड़ लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा था कि बादल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया था कि एक एआईजी, दो एसपी, दो डीएसपी सहित पौने 200 पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में उनकी सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी कहा था कि, 'यहां पर मैं एक बात बताना चाहूंगा कि हमारे मुलाजिम यशपाल सिंह ने सबसे पहले नारायण सिंह चौरा को नोटिस किया था। नारायण सिंह चौरा इससे पहले भी कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रह चुका है।'

पुलिस कमिश्नर के बयान पर अकाली दल ने जताई नाराजगी

वीडियो को लेकर उठ रहे सवाल के बीच पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर का एक बयान भी विवादों में आ गया है। पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि इस एंगल से भी मामले की जांच करेंगे कि सुखबीर सिंह बादल पर हमला कहीं उनके द्वारा सहानुभूति बटोरने का एक तरीका तो नहीं है?

इस पर बिक्रम मजीठिया ने कहा, 'गुरप्रीत सिंह भुल्लर साहब एक दिन आपकी यह वर्दी उतर जाएगी। लेकिन, जिस तरह का आप बयान दे रहे हैं, क्या आप हमारी आंखों में आंखें मिला सकते हैं। क्या आप इस तरह का बयान अपनी रूह से दे रहे हैं। सुखबीर सिंह बादल पर सेवादारी करने के दौरान हमला किया गया। उनकी जान भी जा सकती थी। लेकिन, वो तो रब का शुक्र है कि वो बच गए।'

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, 'क्या आपने सुखबीर सिंह बादल को अरविंद केजरीवाल समझा हुआ है। अरविंद केजरीवाल पर अगर कोई पानी भी फेंक देता है, तो आम आदमी पार्टी के सभी नेता यह कहने लग जाते हैं कि यह भाजपा की साजिश है।'

मजीठिया ने कहा, 'आप अपनी विफलता और कुर्सी बचाने के लिए कह रहे हैं कि यह साजिश भी हो सकती है। यह सहानुभूति बटोरने का तरीका भी हो सकता है। स्वर्ण मंदिर में गोली चल जाती है, तो आप दो बात कहते हैं, आप कहते हैं कि हमारी पुलिस मुस्तैद थी, तो वहीं दूसरी तरफ कहते हैं कि यह एक साजिश है।'

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की निगरानी में हो जांच: बिक्रम मजीठिया

बिक्रम मजीठिया ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि भुल्लर की भी जांच होनी चाहिए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि ये कहीं नारायण सिंह के साथ तो नहीं मिला हुआ है। कहीं ये नारायण सिंह चौरा को कोई नया बयान देने के लिए मजबूर ना करें , इसलिए मैं यह मांग करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की जांच कराई जाए।'

उन्होंने कहा, 'यह लोग कितना झूठ बोल रहे हैं। एक तरफ सुखबीर सिंह बादल पर हमला हो जाता है, उन पर फायरिंग हो जाती है, वहीं दूसरी तरफ पुलिस कहती है कि हमारी सुरक्षा-व्यवस्था दुरूस्त है।'

बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में बुधवार सुबह हमला किया गया था। उन पर गोली चलाई गई जिसमें वो बाल-बाल बच गए थे। अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को 2007 से 2017 तक सत्ता में रहते हुए कथित धार्मिक गलतियों के लिए सजा सुनाई है। उन पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी दिलवाने और सिख पंथ के खिलाफ कार्रवाई में मदद करने के आरोप लगे हैं। अकाल तख्त की सजा के तहत उन्हें सेवादार के रूप में सेवा करनी पड़ रही है।

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