सहारनपुर: शुगर मिल घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) हाजी इकबाल पर कड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने हाजी और और उनके परिजनों की तीन बंद पड़ी शुगर मिलों को कुर्क कर लिया है।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, ये शुगर मिलें उत्तर प्रदेश के बैतालपुर, भटनी और शाहगंज में स्थित हैं। ईडी ने बताया कि कुर्क की गई मिलों में मेलो इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक शुगर प्राइवेट लिमिटेड और हनीवेल शुगर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
CBI जांच के आधार पर कार्रवाई
शुगर मिल घोटाले की जांच सबसे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुरू की थी। सीबीआई ने हाजी इकबाल और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आरोप लगाया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की कई शुगर मिलों को धोखाधड़ी के जरिए बेहद कम कीमत पर खरीदा।
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और पाया कि इन शुगर मिलों की वास्तविक बाजार कीमत को जानबूझकर कम दिखाया गया था ताकि उन्हें नीलामी प्रक्रिया के जरिए सस्ते में खरीदा जा सके।
अवैध खनन की कमाई से खरीदी गईं शुगर मिलें
ईडी की जांच में सामने आया कि BSP सरकार के कार्यकाल के दौरान हाजी इकबाल ने सहारनपुर और आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन से अकूत संपत्ति अर्जित की। जांच एजेंसी के मुताबिक, खनन से कमाए गए काले धन को इकबाल ने अपने परिजनों के बैंक खातों के जरिए शुगर मिलों की खरीद में लगाया।
ईडी ने खुलासा किया कि हाजी इकबाल ने अवैध खनन से कमाए गए करोड़ों रुपये को एक निजी शैक्षणिक ट्रस्ट के बैंक खातों में ट्रांसफर किया। ये रकम बाद में लोन और दान के रूप में इस्तेमाल की गई। इसी काले धन से जमीन खरीदी गई और एक यूनिवर्सिटी के लिए इमारतों का निर्माण किया गया।
ईडी ने कहा कि हाजी इकबाल ने इस कमाई को आयकर विभाग से छिपाया और काले धन को सफेद करने के लिए अपने रिश्तेदारों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं।