राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, जानें मामला?

सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2019 में गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिटेन में बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में पंजीकृत की गई थी जिसके निदेशकों और सचिवों में से एक राहुल गांधी भी थे। कंपनी में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है।

राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, जानें मामला?

सुब्रमण्यम स्वामी और राहुल गांधीः फोटोः IANS

नई दिल्लीः भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA) को निर्देश को कहा है।

यह याचिका अधिवक्ता सत्य सबरवाल के माध्यम से दायर की गई है जिसपर अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है। स्वामी ने इसकी जानकारी अपने एक एक्स पोस्ट में दी है।

भाजपा नेता ने लिखा- 'मेरे सहयोगी अधिवक्ता सत्य सभरवाल ने गृह मंत्रालय द्वारा राहुल गांधी पर मुकदमा चलाने तथा यह बताने में विफलता के बारे में जनहित याचिका दायर की है कि उनकी भारतीय नागरिकता क्यों न छीन ली जाए। राहुल गांधी ने गृह मंत्रालय को जवाब देने से इनकार कर दिया है, इसलिए जनहित याचिका दायर की गई है। मैं सहयोगी विशेष कनोरिया का भी आभार व्यक्त करता हूँ।'

सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप?

सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2019 में गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिटेन में बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2003 में पंजीकृत की गई थी जिसके निदेशकों और सचिवों में से एक राहुल गांधी भी थे।

भाजपा नेता स्वामी ने कहा कि कंपनी की सालाना रिपोर्ट (जो 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को दाखिल की गई थी) में राहुल गांधी ने अपनी राष्ट्रीयता ब्रिटिश घोषित की थी। इसके अलावा, कंपनी को भंग करने के लिए 17 फरवरी 2009 को किए गए आवेदन में भी राहुल गांधी की राष्ट्रीयता को ब्रिटिश बताया गया था।

स्वामी ने कहा कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 का उल्लंघन करता है।

गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल, 2019 को राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में "वास्तविक स्थिति" पखवाड़े भर के भीतर बताने को कहा था। हालांकि, सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि उनके पत्र को पांच साल से अधिक समय बीत गए हैं। और गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस पर क्या निर्णय लिया गया है।

गौरतलब है कि मई 2019 में राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने और 2019 के आम चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन शीर्ष अदालत ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि कुछ कागज में उनके पास ब्रिटिश नागरिकता की बात कही गई है और सिर्फ इसलिए कि एक कंपनी उन्हें ब्रिटिश नागरिकता बताती है, वह ब्रिटिश नागरिक हो गए? इस विवाद पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि  राहुल भारत में जन्मे हैं और भारतीय हैं। यह बात पूरा देश जानता है।

 

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