महाकुंभ नगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मौनी अमावस्या पर्व पर महाकुंभ स्नान के दौरान भगदड़ मचने के बाद श्रद्धालुओं से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। सीएम योगी ने लोगों से संगम नोज नहीं जाने की भी अपील की है और कहा है कि वे जिस घाट के पास हैं, वहीं स्नान करें। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तड़के हुई घटना के बाद से तीन बार सीएम योगी से फोन पर बातचीत की और हालात का जायजा लिया। विपक्षी दलों की भी इस घटना पर प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने जहां महाकुंभ में वीआईपी मूवमेंट बंद करने की मांग की है, वहीं अखिलेश यादव ने घटना पर दुख जताते हुए प्रभावित लोगों के लिए तत्काल राहत पहुंचाने की मांग की है।
‘संगम नोज पर नहीं जाएं श्रद्धालु’
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी पोस्ट में कहा गया, “श्रद्धालुओं से अपील है कि – मां गंगा के जिस घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।”
मुख्यमंत्री की तरफ से किए गए पोस्ट में कहा गया कि मां गंगा के जिस घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
महाकुम्भ-2025, प्रयागराज आए प्रिय श्रद्धालुओं,
माँ गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें।
आप सभी प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।
संगम के सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है। किसी भी अफवाह…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 29, 2025
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस भगदड़ के संबंध में बात की। उन्होंने सभी घायलों को हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा देने का आश्वासन दिया।
बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब 30 महिलाएं घायल हो गईं, जो संगम में स्नान करने के लिए जा रही थीं।
यह घटना पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच हुई, जिसके कारण अखाड़ों को कुछ समय के लिए अपना कार्यक्रम रोकना पड़ा।
गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई। लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं। घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना को बहुत भयावह बताया। इस घटना को देखने वाले जय प्रकाश स्वामी ने बताया, “वह महिला भीड़ के नीचे फंसी हुई थी और उठ नहीं पा रही थी। हम सब भीड़ में फंस गए थे। मैं सबसे पहले बाहर निकला, फिर मैंने बच्चों, पिता और मां की मदद की।”
पीएम मोदी ने सीएम योगी से की तीन बार फोन पर बात
महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान से पहले मची भगदड़ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम योगी को तीन बार फोन कर चुके हैं। पीएम मोदी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क में बने हुए हैं। वे लगातार मुख्यमंत्री से वहां की मौजूदा स्थिति को लेकर जानकारी जुटा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी पिछले तीन घंटे में तीन बार सीएम योगी से इस घटना के संबंध में फोन पर बात कर चुके हैं। उन्होंने सीएम योगी से कहा कि घायलों को हर संभव उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य करने के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य को तेज करने के भी निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी को फोन कर इस घटना के बारे में जानकारी जुटाई थी और घायलों को हर प्रकार की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा।
वीआईपी मूवमेंट बंद हो: मल्लिकार्जुन खड़गे
महाकुंभ मेला में मची भगदड़ पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दुख जताया है। उन्होंने घायलों के स्वस्थ होने की कामना की है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, ‘महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोग घायल हुए हैं, यह समाचार बेहद हृदयविदारक है। श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं।’
उन्होंने महाकुंभ में व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘आधी-अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से अधिक स्व-प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतजामी इसके लिए जिम्मेदार है। हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है। अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं, तो केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएं न हों। श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा व मूवमेंट आदि की व्यवस्था में विस्तार करना चाहिए और वीआईपी मूवमेंट पर लगाम लगानी चाहिए। यही हमारे साधु संत भी चाहते हैं। कांग्रेस के हमारे कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि पीड़ितों को हर संभव मदद करें।’
महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है।
श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं।
आधी अधूरी व्यवस्था,…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) January 29, 2025
कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से महाकुंभ मेले में लोगों की मदद की अपील की। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, “महाकुंभ में हुए हादसे में कई श्रद्धालुओं की मृत्यु की खबर बेहद पीड़ादायक है। इस दुख की घड़ी में ईश्वर शोकाकुल परिवारों को संबल प्रदान करें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें। कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। सरकार घायल श्रद्धालुओं का उचित और बेहतर इलाज कराए। मृतकों का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपकर, उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। महाकुंभ की व्यवस्था बेहतर की जाए, जिससे आगे कभी ऐसे हादसे न हों। श्रद्धालुओं के सुलभ और सुरक्षित स्नान का प्रबंध हो। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे पीड़ितों को हर संभव मदद करें।”
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने महाकुंभ में मची भगदड़ पर कहा, “महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें और उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दें। सभी श्रद्धालु संयम रखते हुए सुरक्षा नियमों और निर्देशों का पालन करें ताकि यह आयोजन सुरक्षित बना रहे।”
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची भगदड़ पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के महाकुंभ में देर रात जो भगदड़ मची है, उसमें कई लोगों की मौत की खबर आ रही है। मैं इस घटना पर दुख व्यक्त करता हूं। हालांकि, मैं यह पूछना चाहता हूं कि जब मीडिया के माध्यम से बताया गया कि मौनी अमावस्या पर करीब 10 करोड़ लोग स्नान करेंगे, तो प्रशासन पुलिस के भरोसे क्यों रहा। प्रशासन ने भारतीय सेना की मदद क्यों नहीं ली। अगर सेना वहां होती, तो ऐसी घटना घटित नहीं होती। मैं यही मांग करता हूं कि अभी महाकुंभ में और भी स्नान होने हैं, इससे पहले इसकी कमान सेना को सौंप देनी चाहिए।
अखिलेश यादव और मायावती ने क्या कहा?
महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची भगदड़ पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी दुख जताया है।
अखिलेश यादव ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। !
इसके साथ ही उन्होंने सरकार से भी अपील की। उन्होंने कहा, “गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। ”
उन्होंने आगे कहा, “जो लोग बिछड़ गए हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किए जाएं। हैलीकॉप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखंड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए।”
महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि!
हमारी सरकार से अपील है कि:
– गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
– मृतकों के शवों को चिन्हित… pic.twitter.com/xZcaU940cO— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2025
उन्होंने कहा, “श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वे इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।”
अखिलेश ने एक और पोस्ट किया और कहा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा- ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।’
वहीं, बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख मायावती ने प्रयागराज में मची भगदड़ को लेकर दुख जताया। उन्होंने कहा, “प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुंभ में हुई भगदड़, यह अति दुखद और चिंतनीय है। ऐसे समय में कुदरत पीड़ितों को इस दुख को सहने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना है।”
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी प्रयागराज में मची भगदड़ को लेकर दुख जताया।
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना बेहद दुखद है। ईश्वर उनके परिवारों को यह अपार दुख सहने की शक्ति दें। सभी श्रद्धालुओं से विनम्र अपील है कि धैर्य बनाए रखें और सावधानी बरतें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और एक-दूसरे की सुरक्षा का ध्यान रखें।”
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)