प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 में 'मौनी अमावस्या' पर संगम पर भगदड़ के बाद मौजूद एम्बुलेंस (फोटो: IANS)
Table of Contents
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या स्नान को लेकर भीड़ अधिक हो गई। इस कारण भगदड़ जैसे हालात बन गए। जिसमें कई लोगों के घायल होने की आशंका है। हालांकि प्रशासन ने घायलों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। इस बीच समाचार एजेंसी IANS केअनुसार हादसे में करीब 30 महिलाएं घायल हो गईं, जो संगम में स्नान करने के लिए जा रही थीं।
फिलहाल हालात सामान्य हैं। प्रशासन ने सुरक्षा की व्यवस्था और मुस्तैद कर रखी है। इस बीच अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को रद्द कर दिया है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज में ऐसी घटना हो गई है, जिस कारण अखाड़ा परिषद ने आज का अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अगला स्नान बसंत पंचमी को होगा। आज की घटना से वे काफी आहत हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जहां पर आसानी से व्यवस्था हो, वहीं स्नान कर लें। उन्होंने कहा कि अब वे बसंत पंचमी का स्नान करेंगे।
'कोई अप्रिय घटना न हो, इसलिए...'
रविंद्र पुरी ने कहा कि आज हम स्नान नहीं करेंगे। जब हम स्नान के लिए निकलते तो हजारों की संख्या में साधु संत भी मौजूद होते। भीड़ बहुत है, इस कारण लोग भी जुलूस देखने आ सकते हैं। कोई अप्रिय घटना न हो, इसे देखते हुए हम स्नान नहीं करेंगे। जहां पर प्रशासन कह रहे हैं, वहीं पर स्नान करें। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। संत महात्मा और सरकार सबके साथ हैं।
उन्होंने कहा कि समय अधिक बीत गया है और दुखद घटना के कारण हमने अपना स्नान रद्द किया है। मेले में बहुत अच्छी व्यवस्था है। लेकिन भावना के बादल में संख्या ज्यादा आ गई है। अपने स्तर पर प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की है। चैनलों और अन्य जगह से इस घटना की जानकारी मिली है। अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
'राजनीति नहीं...घटना की वजहों की जांच हो'
पूर्व केंद्रीय मंत्री और निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि आज यहां अप्रिय घटना हो गई है। इस कारण अखाड़ा स्नान नहीं करेंगे। चूक के बारे में उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया है। घायलों को ईश्वर जल्द स्वस्थ करें। इस प्रकार की घटना में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। पुलिस प्रशासन ने अपनी व्यवस्था कर रखी है। इस संवेदनशील घटना पर राजनीति नहीं करना चाहिए। घटना क्यों हुई है, यह जांच का विषय है।
प्रशासन की अपील के बाद अखाड़ों का फैसला
प्रयागराज में महाकुंभ का आज दूसरा अमृत स्नान आज जारी है। मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए भोर में अखाड़ों के साधु-संत संगम के लिए निकले थे। भगदड़ की घटना और संगम पर हालात बेकाबू होने के बाद प्रशासन ने अखाड़ों से अपील की कि स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद अखाड़े के साधु-संत शिविर में लौट आए। यहां साधु-संतों ने बैठक की। तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे। अखाड़ों ने अमृत स्नान टाल दिया।
सुबह पांच बजे श्री महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करते। फिर जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़ा के स्नान का समय था। इनके बाद वैष्णव संप्रदाय के दिगंबर अनी, निर्मोही अनी और निर्वाणी अनी स्नान करते। अंत में निर्मल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था।
महाकुंभ: कैसे मची भगदड़?
गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई।
लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं, और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई। घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना को बहुत डरावना बताया। इस घटना को देखने वाले जय प्रकाश स्वामी ने बताया, "वह महिला भीड़ के नीचे फंसी हुई थी और उठ नहीं पा रही थी। हम सब भीड़ में फंस गए थे। मैं सबसे पहले बाहर निकला, फिर मैंने बच्चों, पिता और मां की मदद की।"
कर्नाटक के बेलगावी से यात्रा करने वाली एक और प्रत्यक्षदर्शी विद्या साहू ने बताया, "हम बेलगावी, कर्नाटक से आए थे। हम बस चल रहे थे, तभी पीछे से लोगों ने हमें धक्का दिया और हम इधर-उधर घसीटने लगे। एक खंभा विपरीत दिशा में था, और सभी लोग उसी के पास फंस गए।"
भगदड़ के बाद एक्शन में प्रशासन
भगदड़ के बीच महाकुंभ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन योजना लागू की गई और श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया। श्रद्धालुओं के समूहों को शहर के बाहरी हिस्से में रोक दिया गया।
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का बहुत आध्यात्मिक महत्व होता है, खासकर इस साल क्योंकि 'त्रिवेणी योग' का दुर्लभ खगोलीय संयोग है, जो हर 144 साल में एक बार होता है। भगदड़ के बाद, अधिकारियों ने सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए और भक्तों से सतर्क रहने की अपील की।
समाचार लिखे जाने तक महाकुंभ के अस्पताल में घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस का तांता लगा हुआ था। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है।
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)