SSC में सुधारों की मांग को लेकर DoPT के सामने जमा हुए थे शिक्षक, पुलिस ने खदेड़ा; जानें क्या है पूरा मामला?

एसएससी में सुधारों की मांग को लेकर "दिल्ली चलो" नारे के साथ शिक्षक और छात्र जमा हुए थे। इस बीच पुलिस और शिक्षकों के बीच कहासुनी हुई जिसके बाद शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया था।

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नई दिल्लीः कर्मचारी चयन आयोग (SSC) में हाल के दिनों में सेलेक्शन पोस्ट फेज 13 वैकेंसी को लेकर देशभर में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी सिलसिले में 31 जुलाई को एसएससी की तैयारी कराने वाले शिक्षकों ने दिल्ली में एक बैठक बुलाई थी, जिसमें देशभर के शिक्षक जुटे थे। शिक्षकों ने इसे "दिल्ली चलो" नाम दिया था। ये शिक्षक अपनी मांगों को लेकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सामने जुटे थे। हालांकि, वहां तैनात पुलिस बल ने शिक्षकों को अंदर जाने से इंकार कर दिया। 

शिक्षक लगातार अंदर जाने की मांग को लेकर अड़े रहे और पुलिसकर्मियों ने धारा-144 और संसद की कार्यवाही का हवाला देते हुए इंकार किया। इसी बीच एक पुलिस अधिकारी और गणित पढ़ाने वाले शिक्षक अभिनय के बीच बातचीत में कहासुनी हुई जिसको लेकर वहां मौजूद सभी शिक्षक पुलिस अधिकारी की बात का विरोध करने लगे और नारे लगाने लगे। 

पुलिस ने शिक्षकों को किया गिरफ्तार

मौके पर शिक्षकों के साथ मौजूद छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद दिल्ली पुलिस बसें लाईं और शिक्षकों को बस में भरकर ले गई। मौजूद शिक्षकों में गणित के शिक्षक अभिनय के साथ-साथ नीतू सिंह, राकेश यादव, आदित्य रंजन समेत कई शिक्षक मौजूद थे। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में कई शिक्षकों ने आरोप लगाया कि उनके साथ बर्बरता की गई। सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में देखा जा रहा है कि एक शिक्षक का हाथ टूट गया है। शिक्षकों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा उन पर बर्बरता की गई और महिला शिक्षकों को गिरफ्तार करने के लिए महिला पुलिस भी नहीं थी। 

इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छात्रों और शिक्षकों ने एसएससी को लेकर कई #ट्रेंड्स चलाए। एक्स पर #SSC_System_Sudharo, #SSCMisManagement, #SSC_VENDOR_FAILURE, #SSCReforms जैसे कई ट्रेंड चलाए जा रहे हैं। 

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, एसएससी ने सेलेक्शन पोस्ट 13 की भर्ती निकाली थी जिसके लिए पेपर 24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच कराए जाने हैं। हालांकि इन परीक्षाओं में कुछ जगहों पर सेंटर देर से खुले और कुछ जगहों पर तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए पेपर रद्द कर दिए गए। इसको लेकर छात्रों, अभिभावकों ने सवाल उठाए। 

छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी दास्तां सुनाई, जिसमें 400-500 किमी दूर से आए छात्र परीक्षा नहीं दे पाए। ऐसी ही कहानियां अन्य छात्रों की हैं जो दूर-दूर से परीक्षा देने आए थे लेकिन परीक्षा नहीं हुई। पवन गंगा एजुकेशनल सेंटर 2 में 24 जुलाई से 26 जुलाई के बीच होने वाली परीक्षाओं को "प्रशासनिक कारणों" के चलते रद्द कर दी गई। वहीं, एडुकासा इंटरनेशनल हुबली सेंटर पर भी 24 जुलाई की पहली शिफ्ट की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। 

छात्रों ने एसएससी पर हर बार ऐसी ही गड़बड़ी, अनियमितता के आरोप लगाए। इसके साथ ही शिक्षकों ने भी इसको लेकर आलोचना की और 31 जुलाई को "दिल्ली चलो" नारे के साथ दिल्ली आने को कहा था जिसमें देश के अन्य राज्यों के शिक्षक पहुंचे थे। अभ्यर्थी और शिक्षक इन अनियमितताओं को लेकर दिल्ली में जुटे थे और एसएससी से आउटसोर्सिंग सेवाओं को बंद करने की मांग कर रहे हैं। 

एसएससी की लचर व्यवस्था पर उठे सवाल 

शिक्षक और छात्र लगातार एसएससी की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाते रहे हैं, जिसमें तकनीकी खामियों और परीक्षा केंद्रों पर खराब बुनियादी ढांचे के मुद्दे शामिल हैं। इसके साथ ही छात्रों ने परीक्षा केंद्र दूर-दूर भेजे जाने पर भी सवाल उठाए हैं। इससे छात्रों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ता है। 

वहीं, इस बार नए निजी वेंडर को परीक्षा कराने को लेकर दिए गए टेंडर पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ छात्रों का दावा है कि इस वेंडर का इतिहास विवादों में घिरा है। इसी तरह के एक अन्य मामले में वेंडर को उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाई गई है। इसलिए छात्र इस वेंडर की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं। 

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