नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने के बाद की गई टिप्पणी को लेकर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर ओझा ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने देश की सबसे बड़े संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है और कहा है कि भारतीय न्याय संहिता के तहत कानूनी कार्यवाई की मांग की है। इस मामले की सुनवाई आगामी 10 फरवरी को बिहार के न्यायालय में होगी।
कहां से शुरु हुआ विवाद?
यह विवाद 31 जनवरी से शुरु हुआ जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने के बाद सोनिया गांधी ने उन पर टिप्पणी की थी। सोनिया गांधी पत्रकारों से बातचीत के लिए संसद के बाहर मौजूद थीं। तभी सोनिया ने द्रौपदी मुर्मू के बारे में कहा कि "अंत तक वह बहुत थक गईं थीं। वह बहुत मुश्किल से बोल पा रहीं थीं बेचारी..."
वहीं राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण को 'बोरिंग' कह दिया था जबकि इस बातचीत के दौरान प्रियंका गांधी वहां मौजूद थीं। वहीं से यह विवाद शुरू हुआ और बीजेपी ने इसकी जमकर आलोचना की।
राष्ट्रपति भवन ने व्यक्त की कड़ी प्रतिक्रिया
इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा यह 'स्वीकार करने योग्य'नहीं है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से यह भी कहा गया कि मुर्मू थकी नहीं थीं। राष्ट्रपित कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि "कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने टिप्पणी व्यक्त की है जो उच्च कार्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाती है और इसलिए यह स्वीकार करने योग्य नहीं है।"
बयान में आगे यह कहा गया कि " मुर्मू अपने भाषण के दौरान पूरी तरह संयमित थीं और हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए बोलना "कभी भी थका देने वाला नहीं हो सकता।"
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने राष्ट्रपित मुर्मू जो कि एक आदिवासी महिला हैं उन पर कांग्रेस पार्टी के 'शाही परिवार' द्वारा अपमान करने का आरोप लगाया।