इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में मेघालय पुलिस ने एक सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्या की साजिश उसकी पत्नी सोनम और उसके कथित प्रेमी राज कुशवाह ने मिलकर रची थी। सोनम ने तीन सुपारी किलरों की मदद से अपने पति की हत्या करवाई और फिर 25 मई को शिलॉन्ग से सिलीगुड़ी होते हुए ट्रेन से इंदौर पहुंची थी। यहां वह किराए के एक कमरे में रुकी जहां उसने राज कुशवाहा से मुलाकात भी की। इसके बाद वह इंदौर से यूपी रवाना हो गई।
पुलिस के अनुसार, राजा रघुवंशी की हत्या सोनम के सामने ही की गई। राजा पर वार करने का निर्देश खुद सोनम ने ही दिया। उसने सुपारी किलरों से कहा कि "मार दो इसे।" जिस कुल्हाड़ी से राजा की हत्या की गई उसे गुवाहाटी से ऑनलाइन मंगवाया गया था। घटना से ठीक पहले आरोपी सोनम के होमस्टे से 1 किमी दूर एक होटल में ठहरे हुए थे। सोनम उन्हें अपनी सभी लोकेशन उन्हें भेज रही थी।
सोनम ने राजा की हत्या के लिए आरोपियों को 20 लाख देने का वादा किया!
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सोनम ने फोटोशूट के बहाने 23 मई को राजा को कोरसा इलाके में पहाड़ी पर ले गई। सोनम राजा के पीछे-पीछे चल रही थी। वहीं, तीनों आरोपी राजा के साथ चल रहे थे।
पुलिस को आरोपियों ने बताया कि तीनों पहाड़ी पर चढ़ते-चढ़ते थक गए। उन्होंने राजा को मारने से मना कर दिया। इसके बाद सोनम ने राजा के पर्स से उन्हें 15 हजार रुपये निकाल कर दिए और कहा, मारना तो पड़ेगा। सोनम ने उन्हें पैसों का लालच देते हुए कहा कि राजा की हत्या के बाद वह उन्हें 20 लाख रुपये देगी।
पुलिस ने बताया कि सोनम ने न सिर्फ हत्या की साजिश रची बल्कि सोशल मीडिया पर पति की हत्या के बाद भी उसकी आईडी से “सात जन्मों का साथ” जैसी भावनात्मक पोस्ट डाली ताकि लोगों को शक न हो।
घटनास्थल से सोनम का खून से सना रेनकोट, मोबाइल स्क्रीन और एक अन्य आरोपी की जैकेट बरामद हुई। एक आरोपी आनंद गिरफ्तारी के वक्त वही कपड़े पहने हुए था जो वारदात के दौरान थे। हत्या 23 मई को शिलॉन्ग के ईस्ट खासी हिल्स इलाके में की गई थी। 22 मई को ही सभी आरोपी शिलॉन्ग पहुंच चुके थे। 2 जून को राजा रघुवंशी का शव एक गहरी खाई में मिला, जबकि उसकी पत्नी लापता थी।
राजा की हत्या के बाद सोनम इंदौर लौटी और फिर राज से मिलने के बाद यूपी लौट आई
CCTV फुटेज में सोनम की बातचीत तीनों हत्यारों से अपराध स्थल से लगभग 10 किलोमीटर दूर कैद हुई थी। इसके बाद सोनम 25 मई को ट्रेन से सिलिगुड़ी होते हुए इंदौर लौटी, जहां वह प्रेमी राज कुशवाह के साथ एक किराए के मकान में रही। फिर वह वाराणसी होते हुए गाजीपुर पहुंची। 10 जून की रात करीब 1 बजे, वह गाजीपुर-वाराणसी हाइवे पर ‘काशी चाय जायका’ ढाबे पर थकी हुई और डरी-सहमी हालत में पहुंची।
ढाबा मालिक साहिल यादव के मुताबिक, सोनम ने पहले एक महिला से फोन मांगने की कोशिश की और फिर खुद उनसे मदद मांगी। जैसे ही उसने अपने भाई को फोन किया, वह फूट-फूटकर रोने लगी और खुद को पूरी तरह टूटी हुई हालत में बताया। साहिल ने 112 पर पुलिस को सूचना दी। इसी दौरान इंदौर पुलिस की सतर्कता के चलते गाजीपुर पुलिस को पहले ही अलर्ट किया जा चुका था और वह मौके पर पहुंच गई। बाद में उसकी पहचान सोनम रघुवंशी के रूप में हुई।
सोनम को स्थानीय प्रशासन ने ‘वन स्टॉप सेंटर’ में रखा, जहां वह इतनी थकी हुई थी कि उसने सिर्फ चाय और बिस्कुट लिए और फिर सो गई। उसके शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं थे। गाजीपुर के एसपी डॉ. इरज राजा ने बताया कि वह बयान देने की स्थिति में नहीं थी और पुलिस ने उसे अकेले रहने दिया।
इस बीच शिलॉन्ग पुलिस ने इंदौर क्राइम ब्रांच के साथ आरोपियों में से एक विशाल सिंह चौहान के घर पहुंची। एसीपी, इंदौर क्राइम ब्रांच पूनमचंद यादव ने बताया कि विशाल के घर से शिलॉन्ग में पहने हुए कपड़े बरामद किए। पुलिस ने बताया कि विशाल ने ही राजा पर पहला वार किया था। विशाल समेत चारों आरोपियों ने स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने ही हत्या की है। मेघायल पुलिस सोनम को लेकर पटना एयरपोर्ट रवाना हो चुकी है। जांच टीम पहले कोलकाता जाएगी फिर गुवाहाटी होते हुए शिलॉन्ग पहुंचेगी।
जांच में 120 पुलिसकर्मी शामिल, नाम दिया गया- ऑपरेशन हनीमून
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘ऑपरेशन हनीमून’ के तहत सभी आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया, जिसमें करीब 120 पुलिसकर्मी शामिल हैं। इनमें कई एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारी भी तैनात हैं। इस ऑपरेशन की कमान ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक सियेम और एसपी (सिटी) हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर के नेतृत्व में चल रही है। जांच में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जैंतिया हिल्स माउंटेनियरिंग क्लब और स्निफर डॉग्स की टीमों की भी मदद ली गई है।