गंगटोक: सिक्किम के उत्तर जिले में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में लापता भारतीय सेना के छह जवानों में से एक सैन्यकर्मी सैनुद्दीन पी.के. का शव सोमवार को बरामद कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि 1 जून को मंगन जिले के चेटेन स्थित एक सैन्य शिविर भूस्खलन की चपेट में आ गया था, जिसमें कुल तीन जवानों की मौत, चार के घायल होने और छह लोगों के लापता होने की खबर आई थी।

मंगन के पुलिस अधीक्षक सोनम डेचु भूटिया ने पुष्टि की कि जवान सैनुद्दीन का शव रेस्क्यू टीमों द्वारा बरामद कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि लापता पांच अन्य लोगों की तलाश अब भी युद्धस्तर पर जारी है। इस दौरान सेना विकट भौगोलिक परिस्थितियों और खराब मौसम के बावजूद राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई है।

1 जून की शाम लगभग 7 बजे, सिक्किम के लाचेन के चेटेन क्षेत्र में स्थित एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन हुआ था। सेना के अनुसार, मूसलधार बारिश इस भूस्खलन का मुख्य कारण रही। हादसे के तत्काल बाद सेना ने चार लोगों को सुरक्षित बचा लिया था, जबकि हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लाखड़ा के पार्थिव शरीर बरामद किए गए थे।

सेना ने बताया कि विशेष खोजी दलों और इंजीनियरिंग उपकरणों की मदद से अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन लगातार बारिश, अस्थिर पहाड़ी जमीन और ऊंचाई जैसे चुनौतीपूर्ण हालात राहत कार्यों में बाधा बन रहे हैं।

इस प्राकृतिक आपदा के बीच भारतीय सेना ने न केवल अपने जवानों की तलाश जारी रखी है, बल्कि स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों की मदद में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग जैसे क्षेत्रों में करीब 2,000 पर्यटक भारी बारिश के कारण फंसे हुए थे। सेना ने इलाके में पैदल संपर्क स्थापित कर 113 पर्यटकों तक पहुंच बनाई और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालना शुरू किया।

3 जून को सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से 30 पर्यटकों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। इसके अलावा अन्य पर्यटकों को भी सड़क मार्ग और हवाई सहायता से सुरक्षित निकाला गया है।

इस त्रासदी ने जहां सैन्य बलों की सेवा भावना और तत्परता को एक बार फिर रेखांकित किया है, वहीं यह उत्तर सिक्किम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मौसम संबंधी आपदाओं की गंभीरता और तैयारी की आवश्यकता की भी याद दिलाता है।