सिक्किम में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की चपेट में आया आर्मी कैंप, 3 जवानों की मौत, 6 लापता

सेना ने जानकारी दी है कि हवलदार लखबिंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लकड़ा के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार अन्य को मामूली चोटों के साथ सुरक्षित बचा लिया गया है। लापता जवानों की तलाश जारी है..

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Photograph: (IANS)

मंगन: सिक्किम के ऊपरी पहाड़ी इलाकों में मूसलधार बारिश के चलते रविवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। लाचेन के चाटेन क्षेत्र में स्थित भारतीय सेना का एक सैन्य शिविर अचानक भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए और छह अन्य अब भी लापता हैं। हादसे का शिकार हुआ यह सैन्य शिविर ऊंचाई वाले दुर्गम इलाके में स्थित था।

सेना ने जानकारी दी है कि हवलदार लखबिंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लकड़ा के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार अन्य को मामूली चोटों के साथ सुरक्षित बचा लिया गया है। लापता जवानों की तलाश के लिए बचाव दल कठिन परिस्थितियों में लगातार अभियान चला रहे हैं। 

त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन मिनावाला ने घटनास्थल का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया।

भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा, “इस दुखद घड़ी में हम शहीदों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। भारतीय सेना अपने हर सैनिक की सुरक्षा और कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और कठिन से कठिन हालात में भी अपने कर्तव्यों के प्रति अडिग रहती है।”

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सड़क मार्ग बहाल, रेस्क्यू शुरू

इस बीच सिक्किम के पर्यटन एवं नागर विमानन विभाग ने सोमवार को जानकारी दी कि मंगन जिले में चुंगथांग-फिडांग मार्ग को बहाल कर दिया गया है, जिससे वहां फंसे सैकड़ों पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा।

यह राहत कार्य जिला प्रशासन और पुलिस की निगरानी में किया जा रहा है, जिसमें आईटीबीपी, भारतीय सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, जीआरईएफ, दमकल और चिकित्सा टीमें, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ सिक्किम (टीएएएस), भारतीय हिमालयन एडवेंचर और ईको-टूरिज्म केंद्र (आईएचसीएई), स्थानीय ड्राइवर संघ और स्वयंसेवकों की भी सक्रिय भागीदारी है।

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29 मई की दुर्घटना में लापता 9 पर्यटकों की तलाश अब भी जारी

उधर, मंगन जिले में 29 मई को हुई एक वाहन दुर्घटना में लापता हुए नौ पर्यटकों की तलाश अब भी जारी है। जिला पुलिस अधीक्षक देचू भूटिया ने रविवार को बताया कि क्षेत्र में भूस्खलन, पुलों के ध्वस्त होने और तीस्ता नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि के चलते लाचेन और लाचुंग में हजार से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं।

शुक्रवार को मंगन जिले के चुबोम्बु के पास 11 लोगों को ले जा रहा एक पर्यटक वाहन सड़क से उतरकर करीब 1,000 फीट नीचे तीस्ता नदी में जा गिरा। उस रात दो यात्रियों को बचा लिया गया, जबकि चालक सहित शेष नौ लोगों का अभी भी पता नहीं चल पाया है। 

जिला अधिकारियों ने पुष्टि की है कि लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से उत्तरी सिक्किम के थींग और चुंगथांग क्षेत्रों में कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। देचू भूटिया के अनुसार, 115 पर्यटक वर्तमान में लाचेन में और लगभग 1,350 लाचुंग में फंसे हुए हैं। भूटिया ने रविवार कहा कि "कई भूस्खलनों के कारण दोनों दिशाओं से पहुंच अवरुद्ध होने के कारण, पर्यटकों को अपने होटलों में रहने की सलाह दी गई है। एक बार सड़कें पूरी तरह से साफ हो जाने के बाद निकासी शुरू हो जाएगी।"


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पूर्वोत्तर में हालात चिंताजनक, 34 लोगों की मौत

पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने हालात को चिंताजनक बना दिया है। एक अधिकारी ने रविवार बताया कि बारिश और भूस्खलन से छह राज्यों में अबतक 34 लोगों की जान चली गई है।

हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम (हिमंत बिस्वा सरमा), अरुणाचल प्रदेश (पेमा खांडू) और सिक्किम (प्रेम सिंह तमांग) के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल (अजय कुमार भल्ला) से टेलीफोन पर बातचीत की और बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकारियों के अनुसार, 29 मई से जारी बारिश और बाढ़ के दौरान हुई 34 मौतों में असम में कम से कम 10 लोग मारे गए, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में नौ, मेघालय और मिजोरम में छह-छह, त्रिपुरा में दो और नागालैंड में एक व्यक्ति की मौत हुई। पूर्वोत्तर राज्यों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि ये मौतें डूबने, भूस्खलन और जलभराव के कारण हुई हैं।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, 19 जिलों में बाढ़ और बारिश से 3.64 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि 19 जिलों के 764 गांवों में 3,524.38 हेक्टेयर से अधिक फसल भूमि प्रभावित हुई है।

त्रिपुरा में 2,800 परिवारों के 10,600 से अधिक बाढ़ प्रभावित लोगों ने आठ जिलों में से चार - पश्चिमी त्रिपुरा, खोवाई, उनाकोटी और उत्तरी त्रिपुरा में 60 राहत शिविरों में शरण ली है। वहीं मणिपुर में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने कहर बरपाया है। पिछले 48 घंटों में राज्य भर में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मेघालय की बात करें तो यहां गुरुवार से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण 86 गांवों के 1,300 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 37 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

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