सिक्किम आपदा: BRO ने 'स्वस्तिक' परियोजना शुरू की, तीस्ता की तबाही के बाद सड़क और पुल बहाली में जुटी टीम

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की परियोजना ‘स्वस्तिक’ ने चुंगथांग-लाचेन/लाचुंग मार्गों पर बहाली कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया। रविवार को जीआरईएफ ने फिदांग पुल की मरम्मत कर पैदल आवाजाही के लिए रास्ता खोल दिया है।

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Photograph: (IANS)

 30-31 मई की रात उत्तर सिक्किम में बादल फटने और मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। तीस्ता नदी का जलस्तर 35 से 40 फीट तक बढ़ गया, जिससे इलाके का संपर्क पूरे राज्य से कट गया। गंगटोक से लेकर लाचुंग और लाचेन तक की कई प्रमुख सड़कों और पुलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। खासकर चुंगथांग और फिदांग के बीच की सड़कें पूरी तरह जाम हो गईं।

रविवार शाम को उत्तर सिक्किम के चट्टानी क्षेत्र में भारी बारिश के बाद भयंकर भूस्खलन हुआ, जिसने एक सेना कैंप को अपनी चपेट में ले लिया। सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया है कि अब तक तीन शव बरामद किए गए हैं, जिनमें कुछ सुरक्षाकर्मियों के शव भी शामिल हैं। यह भूस्खलन न केवल सैन्य ठिकाने के लिए, बल्कि आसपास के रिहायशी इलाकों के लिए भी घातक सिद्ध हुआ है। कई लोग अब भी लापता हैं और उनकी तलाश में खोज एवं बचाव अभियान जारी है।

BRO की ‘स्वस्तिक’ परियोजना, रेस्क्यू में लगीं कई एजेंसियां

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने ‘स्वस्तिक’ परियोजना शुरू की है। संगठन ने चुंगथांग-लाचेन/लाचुंग मार्गों पर बहाली कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया। रविवार को जीआरईएफ ने फिदांग पुल की मरम्मत कर पैदल आवाजाही के लिए रास्ता खोल दिया है। सोमवार को चुंगथांग-फिदांग मार्ग की बहाली के साथ ही फंसे पर्यटकों की सुरक्षित निकासी शुरू कर दी गई।

रेस्क्यू ऑपरेशन जिला पुलिस और प्रशासन की निगरानी में चल रहा है, जिसमें भारतीय सेना,आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, जीआरईएफ, फायर एंड मेडिकल रिकॉर्ड, टीएएएस, आईएचसीएई चेमचे, ड्राइवर एसोसिएशन और स्थानीय स्वयंसेवक सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।

लाचुंग में होटल संघ और स्थानीय निवासियों ने की मदद

लाचुंग में सैकड़ों पर्यटक बाढ़ और भूस्खलन के चलते फंस गए थे। यहां का होटल संघ, खासतौर पर अध्यक्ष ग्यात्सो लाचुंगपा ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर व्यक्तिगत स्तर पर राहत अभियान का नेतृत्व किया। होटल मालिकों, स्थानीय युवाओं और स्वयंसेवकों ने बच्चों, बुज़ुर्गों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सामान अपने कंधों पर उठाकर रास्ता तय किया। 

29 मई को मंगन जिले में एक वाहन दुर्घटना के बाद 9 पर्यटक लापता हो गए थे। मंगन के पुलिस अधीक्षक देचू भूटिया के अनुसार, दो दिन पहले तक वाहन दिखाई दे रहा था, लेकिन तीस्ता का जलस्तर बढ़ने से वह अब लापता है। तलाशी के दौरान कुछ मोबाइल फोन और पहचान पत्र बरामद हुए हैं जिन्हें पुलिस ने सुरक्षित रखा है। एक शव जैसी वस्तु एक चट्टान पर देखी गई, लेकिन वह इतने दुर्गम स्थान पर है कि न तो ड्रोन से स्पष्ट दिख रही है और न ही रेस्क्यू बोट वहाँ पहुंच पा रही है।

मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग में लगभग 1000 से अधिक पर्यटक फंसे हुए थे। शुक्रवार को शिपग्येर क्षेत्र में हुए भूस्खलन के कारण राहत कार्य में बाधा आई थी, लेकिन सोमवार से रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया। डोजोंगू विधानसभा क्षेत्र में फिदांग पुल की नींव को हुए नुकसान ने यातायात रोक दिया था, जिसे जीआरईएफ की टीम ने मरम्मत कर आंशिक रूप से बहाल किया।

मौसम विभाग की 5 जून तक बारिश की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 30 मई को चेतावनी जारी की थी कि बांग्लादेश के ऊपर बना दबाव क्षेत्र उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़कर एक चिह्नित निम्न दबाव प्रणाली में बदलेगा। इसके चलते सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में 5 जून तक बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई गई है। विभाग ने अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना से भी इनकार किया है।

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