LAC को भारत-चीन बॉर्डर नहीं "तिब्बत सीमा" बुलाने की किसने रखी मांग और क्यों?

भाजपा सांसद दोरजी शेरिंग लेप्चा ने केंद्र सरकार से नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग को फिर से खोलने का अनुरोध किया है।

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Sikkim bjp MP Dorjee Tshering Lepcha demands to call LAC as Tibet border not India-China border raises questions settlement of Chinese villages

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

लेह: सिक्‍क‍िम से बीजेपी सांसद दोरजी शेरिंग लेप्चा ने भारत और चीन की सीमा की पहचान को लेकर एक मांग की है। लेप्चा ने केंद्र सरकार से चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी-LAC) के लिए जो आधिकारिक शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं उसे बदलने का आह्वान किया है।

बीजेपी सांसद ने सुझाव दिया है कि भारत के साथ चीन की एलएसी को "चीन सीमा" के बजाय "तिब्बत सीमा" कहा जाना चाहिए।

चीन और भारत के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर भी दोरजी शेरिंग लेप्चा ने सवाल उठाया है और कहा है कि केंद्र सरकार को सीमा से जुड़ी नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए। यही नहीं लेप्चा ने कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग को भी फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है और कहा है कि इससे तीर्थयात्रियों को लाभ होगा।

लेप्चा ने क्या तर्क दिया है

लेप्चा का तर्क है कि लेह, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश से सिक्किम तक चीन की नहीं बल्कि तिब्बत की सीमा ज्यादा लगती है। इसलिए इसे चीन सीमा नहीं बल्कि "तिब्बत सीमा" कहा जाना चाहिए।

मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2024 पर चर्चा के दौरान लेप्चा ने कहा है कि भारत की 1400 किलोमीटर की सीमा चीन से कम और तिब्बत से ज्यादा लगती है। ऐसे में हमें आधिकारिक तौर इसे एलएसी के बजाय "तिब्बत सीमा" कर देना चाहिए।

दोरजी शेरिंग लेप्चा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि देश की एजेंसियों को आधिकारिक तौर पर "तिब्बत सीमा" शब्द को अपनाने का निर्देश जारी किया जाना चाहिए। लेप्चा ने भारत सरकार, भारतीय सेना और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सहित अन्य सैन्य एजेंसियों से नाम बदलने और इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता देने का आह्वान किया है।

सीमा प्रबंधन की नीतियों पर लेप्चा ने क्या कहा

चीन पर निशाना साधते हुए लेप्चा ने कहा है कि भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों को रिजर्व फॉरेस्‍ट और वाइल्‍ड लाइफ सेंचुरी के रूप में नामित किया है और वहां किसी का जाना प्रतिबंधित कर रखा है।

लेकिन चीन इन क्षेत्रों में गांव बसा रहा है और यहां पर जरूरी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। चीन के इस नीति को देखते हुए लेप्चा ने केंद्र सरकार से इस पर व्यापक समीक्षा करने का आग्रह किया और सरकार के नीतियों में बदलाव करने की मांग की है।

कैलाश मानसरोवर के बारे में क्या कहा

भाजपा सांसद ने नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग को फिर से खोलने का भी अनुरोध किया है। लेप्चा ने इन रास्तों पर बुनियादी ढांचे और पहुंच में सुधार के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की है।

कुछ और मुद्दों पर लेप्चा ने उठाया है सवाल

लेप्चा ने पूरे भारत से सिक्किम को जोड़ने वाले प्राथमिक रूट राष्ट्रीय राजमार्ग 10 की खराब हालत का भी जिक्र किया है। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी पिछली अपील को फिर से दोहराया भी है।

इन मुद्दों पर लेप्चा ने केंद्र से मांगा है समर्थन

16 मई 2025 को सिक्किम भारत संघ में एक राज्य के रूप में अपनी 50वीं सालगिरह मनाने जा रहा है। इस सालगिरह को ध्यान में रखते हुए लेप्चा ने कई क्षेत्रों में केंद्र सरकार से समर्थन की मांग की है।

लेप्चा ने केंद्र सरकार से जैविक खेती, राज्य विधानसभा में लिंबू और तमांग समुदायों के लिए सीटों का आरक्षण, 12 समुदायों के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा और सिक्किम में परमपावन 17वें करमापा की मांग की है।

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