भारत-पाक तनाव के बीच सिद्धिविनायक मंदिर का बड़ा फैसला, नारियल और माला पर रोक

भारत-पाकिस्तान सीमा पर हो रही घटनाओं के कारण यह कदम उठाना जरूरी हो गया था।  मंदिर में फूलों और नारियल पर बैन मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी।

सिद्धिविनायक मंदिर

सिद्धिविनायक मंदिर Photograph: (सोशल मीडिया)

देश के मशहूर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है।  इस रविवार (11 मई) से सिद्धिविनायक मंदिर में हार, फूल और नारियल पर प्रतिबंध रहेगा।  प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया है।  गणपती बाप्पा पर अब रविवार के बाद से भक्तों का हार और नारियल नहीं चढ़ाया जाएगा।  बता दें कि सिद्धिविनायक मंदिर देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है। 

दरअसल, सिद्धिविनायक मंदिर ने सुरक्षा खतरे की आशंका के चलते फूलों की माला और नारियल चढ़ाने पर रोक लगाई है।  मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पवन कुमार त्रिपाठी ने कहा, "फूलों की माला और नारियल चढ़ाने की अनुमति नहीं है, लेकिन दूर्वा घास चढ़ाने की अनुमति है। 

पहले भी लग चुका है बैन

बता दें कि सीमा पर हो रही घटनाओं के कारण यह कदम उठाना जरूरी हो गया था।  मंदिर में फूलों और नारियल पर बैन मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी।  ध्यान हो कि 26/11 के हमले के साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली ने खुलासा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद व हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के निशाने पर सिद्धिविनायक मंदिर भी था। 

इसको ध्यान में रखते हुए भक्तों की सुरक्षा सबसे ऊपर माना गया है।  सरकार ने 2007 में भी इसी तरह का कदम उठाया था, लेकिन भक्तों, पार्टियों और संगठनों के दबाव के बाद इसे कुछ हफ्तों के भीतर ही वापस ले लिया था।  चढ़ावे की जांच के लिए दो स्कैनिंग मशीनें लगाई गई थीं।  

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर हुई पूजा

इससे पहले गुरुवार को सिद्धिविनायक मंदिर के अधिकारियों ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए पूजा का आयोजन किया।  गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत नेस्तोनाबूद कर दिया। 

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