बाबर कादरी हत्याकांड की जांच कर रही SIA ने कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मियां कय्यूम को गिरफ्तार किया

पुलिस ने कादरी की हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था। बाद में यह मामला जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (SIA) को सौंप दिया गया।

Mian Qayoom was main conspirator behind Qadri’s murder

बाबा कादरी व मियां कय्यूम।

श्रीनगरः  जम्मू कश्मीर पुलिस ने पूर्व कश्मीर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और अलगाववादी नेता मियां कय्यूम को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि मियां कय्यूम को मंगलवार को 2020 में वकील बाबा कादरी की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

वकील बाबर कादरी एक टीवी न्यूज चैनल के पैनलिस्ट भी थे। सितंबर 2020 में श्रीनगर के हवाल इलाके में उनके निवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जांच पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) कर रही थी।

अधिकारी ने कहा कि “जांच के दौरान, यह सामने आया कि कय्यूम इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे और कादरी की हत्या के पीछे उनका हाथ था।'' अधिकारी ने बताया कय्यूम से पूछताछ की जा रही है और आगे की जांच जारी है।

कय्यूम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के जज जावेद इकबाल वानी के ससुर हैं। पुलिस ने कादरी की हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था। बाद में यह मामला जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (SIA) को सौंप दिया गया।

अगस्त 2022 में, पुलिस ने श्रीनगर में कय्यूम और दो अन्य वकीलों के आवासों पर तलाशी अभियान चलाया। जांच के हिस्से के रूप में, उनसे डिजिटल उपकरण, बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए थे। सितंबर 2023 में एसआईए ने कादरी के हत्यारों के बारे में जानकारी देने पर 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी।

कादरी बार एसोसिएशन के नेतृत्व, विशेष रूप से कय्यूम के, मुखर आलोचक थे और उन्होंने अपनी हत्या से तीन दिन पहले अपने जीवन को खतरा होने का दावा किया था। पुलिस ने यह भी कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कमांडर साकिब मंजूर, जो अगस्त 2021 में एक मुठभेड़ में मारा गया था, कादरी की हत्या के लिए जिम्मेदार था। जांच एजेंसी ने इस हत्याकांड में पांच संदिग्धों के खिलाफ 2021 में आरोप-पत्र दायर किए थे।

बता दें कि  श्रीनगर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कय्यूम कई कार्यकालों तक उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। बार एसोसिएशन के प्रमुख के रूप में, उन्हें पहले भी कई बार पुलिस ने हिरासत में लिया था। वह 4 अगस्त, 2019 से अगस्त 2020 तक हिरासत में रहे थे। और उन पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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