सीएम को काला झंडा दिखाना अवैध नहीं, केरल हाईकोर्ट ने 3 युवकों को दी राहत

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को भी जनवरी में एसएफआई कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया था। इस घटना के बाद उन्होंने सड़क पर धरना दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया था।

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Kerala High Court's strict comment on shooting of films in temples said - it is a place of worship and not a set for filming

केरल हाई कोर्ट (फोटो- IANS)

तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के काफिले के सामने काला झंडा लहराने के मामले में तीन युवकों के खिलाफ दर्ज केस को बुधवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि काला झंडा दिखाना कोई गैरकानूनी काम नहीं है और इसे मानहानि नहीं माना जा सकता।

यह घटना साल 2017 में एर्नाकुलम जिले के पारवूर में हुई थी। तीन युवकों पर आरोप था कि उन्होंने मुख्यमंत्री विजयन को बदनाम करने के इरादे से उनके काफिले के सामने काला झंडा लहराया था। पुलिस का दावा था कि इन युवकों ने काफिले की ओर बढ़ने से रोकने पर पुलिसकर्मियों को धक्का दिया और मारपीट करने की कोशिश की।

पुलिस ने साल 2020 में पारवूर की मजिस्ट्रेट अदालत में इन तीनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। आईपीसी की कई धाराओं के तहत इनके खिलाफ मानहानि और सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया था।

केरल कोर्ट ने क्या कहा है

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, युवकों ने हाईकोर्ट में केस को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि काला झंडा लहराना विरोध जताने का एक तरीका है। यह न तो गैरकानूनी है, न ही मानहानि के दायरे में आता है।

कोर्ट ने साफ किया कि आईपीसी की धारा 499 के तहत इसे मानहानि नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जब तक किसी खास रंग का झंडा लहराने पर रोक लगाने वाला कानून नहीं है, तब तक यह कार्रवाई गैरकानूनी नहीं है।

पुलिस रिपोर्ट को भी मानहानि का आधार नहीं माना जा सकता, क्योंकि ऐसा मामला सिर्फ पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर ही दर्ज हो सकता है।

कोर्ट ने कहा कि पुलिसकर्मियों के साथ कथित धक्का-मुक्की के लिए भी युवकों पर मुकदमा नहीं चल सकता। पुलिस की रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि काफिले की रफ्तार में कोई बाधा आई थी।

केरल के राज्यपाल को भी काला झंडा दिखाने पर दर्ज हुआ था मामला

यह पहली बार नहीं है जब विजयन के खिलाफ काला झंडा दिखाने का मामला सामने आया हो। वर्ष 2023 में सीएम विजयन की बस यात्रा के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर ऐसे ही मामले दर्ज किए गए थे।

कई स्थानों पर काले झंडे लहराने वाले प्रदर्शनकारियों पर सीपीआई(एम) कार्यकर्ताओं द्वारा हमले करने के भी आरोप भी लगे थे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में काले कपड़े पहनने और काले मास्क लगाने पर पुलिस ने रोक लगाई थी।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को भी जनवरी में एसएफआई कार्यकर्ताओं ने काला झंडा दिखाया था। इस घटना के बाद उन्होंने सड़क पर धरना दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया था।

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