लंदन: ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने रूस से भारत के तेल आयात की पश्चिमी देशों की आलोचना पर तीखे अंदाज में सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पश्चिमी देशों के बनाए जा रहे दबाव को खारिज करते हुए कहा कि कोई भी देश 'अपनी अर्थव्यवस्था को बंद नहीं कर सकता।' पिछले हफ्ते ब्रिटिश रेडियो स्टेशन- टाइम्स रेडियो से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के कई यूरोपीय साझेदार भी उन्हीं देशों से रेयर अर्थ और अन्य ऊर्जा उत्पाद खरीदना जारी रखे हुए हैं जिनसे वे 'हमें खरीदने से मना कर रहे हैं।'

भारतीय राजदूत ने कहा, 'क्या आपको नहीं लगता कि यह थोड़ा अजीब है?'

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक भारत पारंपरिक रूप से पश्चिम एशिया से अपना तेल प्राप्त करता रहा है। हालांकि, जब से रूस ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट देना शुरू किया, तब से भारत ने भी रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात करना शुरू कर दिया। मॉस्को का यह कदम फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर विभिन्न पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंधों का सामना करने के बाद आया था।

रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत की निकटता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के संबंध कई मापदंडों पर आधारित हैं।

भारतीय राजदूत ने याद दिलाया इतिहास

भारतीय राजदूत ने बताया, 'इनमें से एक मापदंड हमारे दीर्घकालिक सुरक्षा संबंध हैं, जो उस दौर से चले आ रहे हैं जब हमारे कुछ पश्चिमी साझेदार हमें हथियार नहीं बेचते थे, बल्कि हमारे पड़ोसी देशों को हथियार बेचते थे जो उसका इस्तेमाल सिर्फ हम पर हमला करने के लिए करता था।'

उन्होंने कहा, 'हम दुनिया में ऊर्जा के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। हम अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा उत्पाद आयात करते हैं। आप हमसे क्या चाहते हैं? अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें।'

भारतीय राजदूत ने कहा, 'हम अपने आस-पास ऐसे रिश्ते भी देखते हैं जो दूसरे देश अपनी सुविधा के लिए उन देशों के साथ बनाए रखते हैं जो हमारे लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। क्या हम आपसे भी वफादारी की एक छोटी सी परीक्षा के लिए कहें?'

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बोलते हुए भारतीय राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा है कि 'यह युद्ध का समय नहीं है। उन्होंने यह बात बार-बार कही है, रूस के राष्ट्रपति और यूक्रेन के राष्ट्रपति (वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की) के साथ भी।'