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मुंबई: महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) के सुर बदल गए हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने हाल ही में संकेत दिया कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों में अकेले लड़ सकती है।
पुणे में मीडिया से बातचीत करते हुए शिवसेना के सीनियर नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि महानगर पालिका चुनाव अकेले लड़ा जाए।राउत ने यह भी कहा कि मुंबई में शिवसेना की मजबूत स्थिति है और कार्यकर्ताओं का मानना है कि हमें मुंबई में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए।
संजय राउत का यह बयान उस समय आया है जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह पुष्टि की है कि भाजपा, शिवसेना और राकांपा मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ेंगे। बीएमसी का अगला चुनाव जल्द ही हो सकता है।
बता दें कि बीएमसी के पिछले चुने गए प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म हो गया था, और तब से बीएमसी बिना चुने गए प्रतिनिधियों के काम कर रही है, जिसमें कोरोना काल भी शामिल है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत की सबसे अमीर नगर निगमों में से एक बीएमसी पर शिवसेना ने अपने विभाजन से पहले 25 साल तक लगातार शासन किया था।
मुंबई विधानसभा चुनाव में हम कम सीटों से हारे हैं-संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि विधानसभा चुनावों में हमने मुंबई के अंदर 10 सीटें जीतीं और चार सीटें ऐसी रहीं जिसमें हम बहुत ही कम अंतर से हारे। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि मुंबई शिवसेना (यूबीटी) की ताकत रही है और यह ताकत आगे भी बनी रहनी चाहिए। नहीं तो यह लोग (विपक्षी पार्टियां) मुंबई को तोड़ देंगे। जैसे अभी मराठी लोगों पर हमले हो रहे हैं कि और यह सब लोग देख रहे हैं।
राउत ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में मुंबई में हमें अधिक सीटें मिलतीं, तो हम उन सीटों पर जीत सकते थे। उन्होंने यह भी बताया कि जब शिवसेना का विभाजन नहीं हुआ था और पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में थी, तब भी उसने बीएमसी और अन्य नगर निगम चुनावों को अलग ही लड़ा था।
हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और नासिक नगर निकाय चुनावों में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ेगी।
संजय राउत के बयान पर शिवसेना नेता ने क्या कहा है
संजय राउत के बयान पर शिवसेना नेता भरत सेठ गोगावले ने कहा कि हम आने वाले चुनावों में दिखा देंगे कि कौन कितनी मजबूती से चुनाव लड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह (विपक्षी पार्टियां) चाहे जैसे चुनाव लड़ें, हम महायुति में चुनाव लड़ेंगे। उनको उनका काम करने दें, हम अपना काम करेंगे।
गोगावले ने आगे कहा, "यह अच्छी बात है। उनकी ताकत है वह लड़ें। हम तो महायुति में चुनाव लड़ेंगे। उनको उनका काम करने दो, हम अपना काम करेंगे। हम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। हम आने वाले चुनाव में दिखा देंगे कि कौन कितनी मजबूती से चुनाव लड़ता है।"