मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर के शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता अशोक धोडी के लापता होने के करीब 12 दिन बाद उनका शव मिला है। गुजरात के भिलाड के पास स्थित सरिगाम में एक बंद पत्थर खदान में उनकी कार मिली। इसी में उनका शव भी था। चार घंटे के तलाशी अभियान के बाद जब अशोक धोडी की कार को 45 फीट गहरी खदान के नीचे से निकाला गया तो पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहब पाटिल और स्थानीय पुलिस भी वहां मौजूद थी।

दहानु-तलासारी विधानसभा क्षेत्र के लिए शिवसेना समन्वयक के रूप में काम करने वाले अशोक का 20 जनवरी को दहानू तालुका के तलासारी में वेवाजी घाट से कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था। 

क्या है पूरा घटनाक्रम

शुरुआत में लापता के तौर पर शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन जब घोलवड पुलिस को उनकी चप्पल और चश्मा और कुछ खून से सने दस्तावेज मिले, तो 27 जनवरी को अपहरण का मामला दर्ज किया। 

दो दिन बाद, चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया और सात दिन की पुलिस को भेज दिया गया। हिरासत में पूछताछ के दौरान, इन संदिग्धों ने कथित तौर पर अपराध और शव कहां रखा है, इस बारे में पुलिस को जानकारी दी। 
बालासाहब पाटिल ने बताया, 'आरोपियों ने सावधानीपूर्वक हत्या की योजना बनाई थी और सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए मुख्य सड़कों और गलियों से बचते रहे।'

पारिवारिक विवाद, भाई पर आरोप

अशोक धोडी के शव को पोस्टमार्टम के लिए जे जे अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने पुष्टि की है कि उन्हें उसी दिन मार दिया गया था जिस दिन अपहरण (20 जनवरी) किया गया था। 

सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी और अशोक के भाई अविनाश धोडी के खिलाफ महाराष्ट्र और गुजरात में एक दर्जन से अधिक मामले हैं। 

पुलिस ने कहा कि अशोक दरअसल दहानू और पालघर में दमन में बनी शराब बेचने, अवैध रेत डंपिंग सहित अपने भाई की कई अवैध गतिविधियों का नियमित रूप से विरोध करते थे। उन्होंने भाई के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। 

अविनाश को एक मौके पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा था क्योंकि अवैध रूप से रेत ले जा रहे उसके ट्रक को अशोक की शिकायत पर पुलिस ने पकड़ लिया था। पुलिस ने बताया कि कुछ और पारिवारिक विवाद भी चले आ रहे थे।