नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर बांग्लादेशी लोगों को संबोधित करते हुए मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है। शेख हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस ने अपनी सत्ता की प्यास बुझाने के लिए देश के पतन की साजिश रची। शेख हसीना ने बांग्लादेश प्रदर्शन का चेहरा बने अबू सईद की हत्या पर भी संदेह जताया है।
शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर बांग्लादेश के इतिहास को मिटाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 'बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के सारे निशान मिटा दिए गए। मुक्ति योद्धाओं का अपमान किया जा रहा है। मुक्ति योद्धा परिसर को भी जला दिया गया है। डॉक्टर यूनुस कहां तक इन चीजों को सही ठहराएंगे? अगर आप आग से खेलेंगे तो यह आपको भी जलाकर राख कर देगी।'
बता दें कि बांग्लादेश में इन दिनों राजनीतिक माहौल बहुत तनावपूर्ण बना हुआ है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना ने रविवार को अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर कड़ा हमला बोला। हसीना ने यूनुस को आत्मकेंद्रित और सत्ता का भूखा इंसान बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस ने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर बांग्लादेश को बर्बाद करने की साजिश रची है। हसीना का कहना है कि देश की आजादी की यादों को मिटाने की कोशिश हो रही है और उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
अबू सईद की मौत को लेकर उठाए सवाल
शेख हसीना ने गुस्से में सवाल उठाया, "यूनुस की सरकार में बांग्लादेश की आजादी से जुड़े प्रतीक और निशान मिटाए जा रहे हैं। हमने हर जिले में जो मुक्ति योद्धा स्मारक बनाए थे, उन्हें जला दिया गया। आजादी के नायकों का अपमान हो रहा है। क्या यूनुस इसका जवाब दे सकते हैं?"
अपने भाषण में शेख हसीना ने कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए अबू सईद की मौत को लेकर भी बड़ा दावा किया। अबू सईद को आंदोलन का हीरो माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सईद की मौत पुलिस की जानबूझकर की गई हत्या थी। शेख हसीना ने इस बात को पूरी तरह नकार दिया और कहा कि ये आरोप गलत और भड़काने वाले हैं।
'यूनुस ने बनाई थी साजिश'
शेख हसीना ने कहा, 'जब प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंक रहे थे, तब पुलिस ने सिर्फ रबर की गोलियां चलाई थीं। अबू सईद के सिर पर पत्थर से चोट लगी थी, लेकिन सवाल ये है कि 7.62 एमएम की असली गोली कहां से आई? वो गोली किसने चलाई?'
हसीना ने आरोप लगाया कि जब एक अफसर ने इस मामले की जांच शुरू की तो यूनुस ने उसे हटा दिया। उन्होंने कहा, 'अगर अबू सईद का शव दोबारा निकाला जाए और सही जांच हो तो पता चल जाएगा कि सारी हत्याएं एक साजिश थीं।' हसीना ने साफ कहा, 'ना मैंने, ना अवामी लीग ने और ना ही पुलिस ने सईद को मारा, बल्कि पुलिस खुद हिंसा की शिकार थी। इसके बावजूद हिंसा करने वालों को मुआवज़ा दिया गया। क्या उन्हें सज़ा मिलेगी? नहीं क्योंकि ये सब यूनुस की सोची-समझी चाल थी।'